किसानों का ‘मुआवजा’ दिए बगैर एनएचएआई ने शुरू करवा दिया काम, विरोध

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डीएम ने दिया था आदेश, एनएचएआई के खिलाफ किसानों का धरना

मऊ। डीएम के आदेश के बाद भी एनएचएआई ने किसानों का भुगतान किए बगैर ही काम शुरू कर दिया। ऐसे में किसानों ने एकजुट होकर एनएचएआई के अधिकारियों का जमकर विरोध किया। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। स्थानीय किसानों का कहना है कि डीएम के आदेश के बाद भी हमारा भुगतान नहीं किया गया है। हम एनएचएआई के काम को आगे नहीं बढ़ने देंगे। ऐसे में एनएचएआई का वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन प्रोजेक्ट रुका हुआ है।

किसानों की जमीन 2015 में प्रथम 3डी द्वारा थी अधिग्रहित

मऊ के कोपागंज थाना अंतर्गत सरोज गांव व रेवरीडीह गांव के किसानों की जमीन 2015 में प्रथम 3डी द्वारा अधिग्रहित की गई। जिसमें रेट को लेकर किसानों ने जिला अधिकारी कोर्ट में अपील किया। जिसमें एनएचएआई के सक्षम प्राधिकारी व उनके अधिवक्ता और किसान व उनके अधिवक्ता दोनों पक्षों द्वारा कोर्ट में लिखित समझौता हुआ कि सरोज गांव व रेवरीडीह गांव के किसान की जमीन का मुआवजा 3600 रुपए वर्ग मीटर निर्धारित किया जाता है।

पहले दिया जाए मुआवजा : किसान

यह आदेश दिनांक 19 मई 2018 को कोर्ट ने दिया था। 4 साल बीत जाने के बावजूद भी एनएचआई ने अब तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया है। किसान संजीव राय का कहना है कि एनएचएआई षड्यंत्र करके प्रशासन को गुमराह कर रहा है। एनएचएआई द्वारा सीओ घोसी के साथ थाना कोपागंज व पीएसी व अन्य चार थानों की पुलिस फोर्स लेकर किसानों की जमीन पर कब्जा दिलाने पहुंची तो किसान आग बबूला हो गए। वहीं, किसानों ने कहा कि अभी तक हम किसानों के जमीन का मुआवजा नहीं मिला है। जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता हम अपने जमीन पर काम नहीं होने देंगे। किसानों ने डीएम व कोर्ट के आदेश को दिखाया। तहसीलदार उमेश सिंह डीएम कोर्ट के आदेश को देखने के बाद वापस लौट गए और कहा कि दोनों पक्ष तहसील में आकर अपनी बातों को रखें। तभी उसका समाधान निकाला जा सकता है।

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