फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लाक स्थित टेवंगा के कटवा मैदान के लोहिया पार्क में राजी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के तत्वाधान में जश्ने ए आजमगढ़ के नाम से आयोजित आल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन में वसंत की सुगंध बिखेरती निशा में कवियों और शायरो ने अपनी रचनाओं से कभी गुदगुदाया तो कभी एहसासों को जगाया तो कभी देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया। शायरो ने समाज की वैमनस्यता के दुष्परिणाम बताते हुए व्यंग्य बाण छोड़े। देर रात तक श्रोता नज्मों की फुहार में गोता लगाते रहे। नेहा सिंह राठौर का गीत सुनने के लिए दर्शक अंत तक बैठे रहे।
मुशायरे की शुरूआत पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव, अबुजैद, तक्लीम भुट्टो, मोहम्मद अकलैन, शब्बू, अबू ओजैफा आदि ने दीप प्रज्जवलित कर किया। वाहिद अंसारी द्वारा नात पाक पढ़ी गई। इसके बाद मुशायरे का दौर शुरू हुआ। प्रख्यात कवियित्री नेहा सिंह राठौर ने बेरोगारी सहित यूपी में का बा प्रचलित रचना सुनाकर सरकार पर खूब कटाक्ष किया। निकहत मुरादाबादी ने मैं चांद देखने के बहाने छत पर गई, तुमसे इसी बहाने मुलाकात हो गई सुना कर वाहवाही लूटी। अधिकतर शायरो ने आशिक और माशूक से संबंधित रचनाओं को सुनाया जिस पर खूब तालियां बटोरी। अख्तर आजमी ने यही है शाने आजमगढ़, नाम दुनिया में अलग इसकी पहचान है दुनिया में, पेश किया तो खूब तालियां बजी। एक के बाद एक चुटकुले एवं हास्य व्यंग्य के मुक्तक एवं कविताएं सुनाकर कवियों और शायरो ने न सिर्फ तालियां बटोरीं, बल्कि उपस्थित श्रोताओं को हंसी का फव्वारा छोड़ने पर विवश कर दिया। शादाब आजमी, मोहन मुंतजिर आदि ने मां की अजमतो पर शेर कहा। इसी क्रम में शायर फैसल देहलवी, सहाब नोमानी, सलमान घोसवी, अली बाराबंकी, वाहिद मालेगावी, मुजावर, मह्शर, तरन्नुम नाज, अबीबत इटावा, दानिश, निकहत मुरादाबादी, सुलतान जहां, राधिका मित्तल, प्रतिभा सिंह यादव, अख्तर इलाहाबादी, हारून आजमी, रफीक आदि शायरो ने अपने मकसूसू अंदाज में कलाम पेश किया। शेर और शायरी का दौर देर रात तक चलता रहा। संचालन हेलाल बदायूं ने किया। संयोजक तकलीम भुट्टू ओज़ैफा मोहम्मद अकलैन ने सभी का आभार प्रकट किया।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय