आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। लंबे इंतजार के बाद ऊपर वाले ने पुकार सुन ली और बुधवार की भोर में जमकर बारिश हुई। वर्षा धान सहित सभी फसलों के लिए अमृत साबित हुई, तो किसानों के चेहरे भी खिल उठे। पानी के अभाव में सूख रही फसलों को जीवनदान मिला, तो वहीं बची-खुची रोपाई भी शुरू हो गई। खेतों में पड़ने वाली दरार भी काफी हद तक भर गई। दूसरी ओर उमसभरी गर्मी से परेशान लोगों ने भी राहत महसूस की। भोर की बारिश से मौसम ठंडा हुआ, तो लोगों की नींद भी कई दिनों बाद ठीक से पूरी हो गई।
बारिश से धान के खेतों को नई जान मिली और फसल में सिंचाई को लेकर बना संकट भी खत्म हो गया है। अभी तक तेज धूप और बारिश नहीं होने से धान की फसल बचाना चुनौती पूर्ण सा हो गया था। साधन संपन्न किसान तो अपने संसाधनों से पानी भर ले रहे थे, लेकिन बाकी के लिए पानी का इंतजाम मुश्किल भरा था। बारिश ने ऐसे किसानों को राहत दिलाई है। अब तक धान की रोपाई में पिछड़े किसान भी खेती के काम में जुट गए। जो किसान अभी तक सिंचाई के लिए बारिश की राह देख रहे थे, उनका ज्यादा लाभ हुआ।
कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा के अध्यक्ष डा.लालचंद्र वर्मा ने बताया कि काफी इंतजार के बाद हुई बारिश सभी फसलों के लिए फायदेमंद है। अगर इसी तरह से रुक-रुककर बारिश होती रही तो धान की पैदावार अच्छी होगी।
रिपोर्ट-सुबास लाल