धान के लिए आसमान से हुई अमृत की वर्षा, खिले किसानों के चेहरे

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। अगस्त महीने मेें निराश किसानों को सितंबर में रुक-रुककर हो रही वर्षा ने काफी राहत दी है। गुरुवार की रात से शुक्रवार की सुबह तक हुई झमाझम बारिश धन की फसल के लिए अमृत साबित हुई। एक तरह से बारिश वरदान, तो दूसरी ओर जहां पर धान की फसल में फूल और बालियां निकल आई हैं, वहां पर थोड़ा नुकसान हो सकता है। साथ ही साथ सब्जी और तिलहन के किसानों को नुकसान ज्यादा होने का अंदेशा है। अगेती आलू, टमाटर, धनिया, करेला, गाजर, मूली आदि फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। फिलहाल यूरिया का बचा हुआ एक तिहाई डोज धान के पेनिकल इनीसिएशन स्टेज पर अब डाल देना चाहिए।
कृषि विज्ञान केंद्र, लेदौरा के अध्यक्ष डा. एलसी वर्मा ने बताया कि समय से बारिश नहीं हुई, जिसकी वजह से धान की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा, लेकिन सितंबर के महीने में जुलाई जैसी बारिश सब्जियों के लिए फिर से चिंता का सबब बन गई है। सब्जी के उत्पादन करने वाले किसान इस बारिश की वजह से काफी चिंतित हैं, क्योंकि लगातार बारिश की वजह से खेतों में जमा हुआ पानी सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही साथ तिलहन की फसल भी प्रभावित होने का अंदेशा है। सब्जी की फसल खराब होने से किसानों को फसल की दोबारा से बोआई करनी पड़ सकती है। इससे उनके लागत का खर्च बढ़ जाएगा और साथ ही साथ उत्पादन में भी देरी होगी। इसकी वजह से ग्राहकों को सब्जियां ज्यादा कीमत पर खरीदनी पड़ सकती हैं।
सस्य वैज्ञानिक डॉ. शेर यादव ने बताया कि किसान खेतों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करें। इसके लिए पहले से ही खेत तैयार करते समय खेत में नियमित ढलान रखें, जहां से पानी की निकासी की जा सके। लंबी अवधि वाली धान की प्रजातियां वाले खेतों में मेड़ों को मजबूत करें, जिससे बारिश का पानी काफी दिनों तक खेत में संरक्षित किया जा सके।
फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. एमपी गौतम ने बताया की खेतों में मचान बनाने से कद्दू वर्गीय फसलों को नुकसान कम होगा और आलू, मटर, टमाटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी तथा बैंगन में फसलों की मेड़ों पर बोआई करने से भी बारिश से जमे हुए पानी के असर को कम कर सकते हैं।
रानी की सराय प्रतिनिधि के अनुसार एक सप्ताह से मौसम मंे परिवर्तन से खेत मंे धान की फसल मुरझा रही थी। गुरुवार की शाम से ही बूंदाबादी शुरू हुई और पूरी रात झमाझम बारिश हुई। खेत में पानी भरने के साथ ही आस पास के पोखरी व गड्ढों में भी पानी जमा हो गया। बारिश के चलते पानी छोड़ रहे हैंडपंप भी पानी देने लगे। शुक्रवार को दिन में भी बंूदाबादी होती रही। एक तरफ किसान खुश वहीं मौसम मंे नरमी से लोगो ने उमस से राहत महसूस की।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

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