प्रकृति ने अन्नदाताओं का छोड़ा साथ, फसल जलमग्न

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ठेकमा आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लॉक अंतर्गत ग्राम भगवानपुर, शादीपुर, अहिरौली, मिर्जा जगदीशपुर, केदलीपुर, बिजौली सहित लगभग 100 ग्राम पंचायत की हजारों बीघा धान की फसल वर्षा एवं तेज हवाओं के कारण कारण जलमग्न हो गयी। कहने को तो किसानों को अन्नदाता कहा जाता है परंतु किसान अपनी लागत को नहीं निकाल पाते हैं क्योंकि जब किसान की फसल तैयार हुई है तभी प्रकृति ने साथ छोड़ दिया।
प्रभावित किसानों ने बताया कि खेती के आधार पर हम लोगों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी विवाह एवं जीविका चलती है। जल-जमाव के कारण फसलें गिरकर सड़ जाती हैं जिससे किसान परेशान रहते हैं। बारिश के पानी से काफी नुकसान हुआ है। किसान अब आस लगाए बैठे हैं कि क्षेत्रीय नेता प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं जिससे किसान सही ढंग से अपनी रवि फसल की खेती कर सके। यदि यही हाल रहा तो किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे। इस संबंध में किसानों से जानने की कोशिश की गयी तो वे कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। बस इतना कहा कि हम लोग 10 साल से झेल रहे हैं। धान काटने का समय आता है तो पानी जमाव के कारण हम लोगों की फसल पानी में गिरकर सड़ जाती है। हम लोग मजबूर हैं। शासन, प्रशासन सहित मुख्यमंत्री से त्वरित सहायता की मांग की है।
रिपोर्ट-एमके राय

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