आस्था के सागर बीच जन्म लिए नंदलाल, बजे ढोल, मंजीरे और झाल

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आस्था, उमंग और उत्साह का सागर सुबह से ही हिलोरें ले रहा था। रात बारह बजने के साथ गूंजने लगे थे नंद को आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की के स्वर। जन्म के साथ हर तरफ ढोल, मंजीरे और झाल की आवाज के बीच महिलाओं ने सोहर गाए, तो भजन मंडली ने कीर्तन। इस दौरान आयोजित मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं में युवाओं ने दम दिखाया और प्रसाद के साथ इनाम लेकर घर लौटे।
लगभग सभी स्थानों पर सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्अमी मनाई गई। सुबह से ही माहौल भक्तिमय हो गया था। झांकियां सजाने में युवा से लेकर बच्चे तक जुट गए थे। पुलिस लाइन स्थित मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया था।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जन्माष्टमी की धूम देखी गई। शुभ घड़ी रात 12 बजे जैसे ही कान्हा ने जन्म लिया, तो हर तरफ शंख ध्वनि सुनाई देने लगी। कान्हा के नाम का जयकारा भक्तों के तन-मन में नया जोश भरने लगा था। फूलपुर प्रतिनिधि के अनुसार गांव से लेकर नगर तक सरकारी, निजी संस्थानों, घरांे में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। भक्तों ने व्रत रखकर पूजन-अर्चन किया। तहसील परिसर स्थित मंदिर में भंडारे की व्यवस्था की गई थी। थाना परिसर में प्रभारी निरीक्षक सहित लगभग सभी पुलिसकर्मी सफाई करते दिखे। वहीं नगर के नागा बाबा मंदिर, राम-जानकी मंदिर, अचारी बाबा मंदिर, भवानी माता मंदिर, परमहंस बाबा मंदिर आदि मंे भजन-कीर्तन सहित साज-सज्जा की व्यवस्था की गई थी।
रानी की सराय प्रतिनिधि के अनुसार माखनचोर भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव मनाने के लिए खास तौर से बच्चों मंे ज्यादा उत्साह रहा। घरों मंे सजी आकर्षक झांकी लोगों में कौतूहल रही। निजामाबाद रोड पर इलेक्ट्रॉनिक पूतना वध, नागनथैया आदि का बच्चों द्वारा काफी आकर्षक रहा। रविवार की शाम से ही झांकी बनाने का क्रम शुरु हो गया था। झांकी मंे लगने वाले सामानो की भी अलग से लगी दुकानों पर भीड़ रही। देर रात होते ही श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही पटाखों की गूज के बीच सोहर भी गाये गये।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय/प्रदीप वर्मा

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