फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरकार पोखरों को ढूंढ कर अमृत सरोवर के रूप में विस्तार करने पर जोर दे रही है। पर क्या यह योजना पूर्ण रूप से धरातल पर उतर रहा है या जिम्मेदार सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा कर इति श्री कर रहे हैं। नगर पंचायत का प्रतिष्ठित नागा बाबा सरोवर जल विहीन होना इस बात की गवाही देता है। इस वर्ष से पूर्व आज तक सरोवर कभी सूखा नहीं था। पशु पक्षी कभी प्यासे नहीं थे। जब कभी जल संचयन कम होता तो समर्शेबल से इसमें जल भराया जाता। सूखा की स्थिति में भी कभी सरोवर जल विहीन न था। इस बार सूखे जैसी बात भी नहीं फिर भी पोखरा सूखा होना, जिम्मेदार लोगों के जिम्मेदारी पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। नगर पंचायत अध्यक्ष की उदासीनता पोखरे को जल विहीन कर दिया।
दो दशक पूर्व इसी पोखरे पर बस स्टॉप के निकट बेशकीमती जमीन पर भू माफियाओ की निगाह पड़ी और जल को सूखा कर अतिक्रमण का ताना बाना बुनने लगे थे। परंतु समाजसेवी स्व.दत्ताराम सेठ व पूर्व चेयरमैन स्व.शिव प्रसाद जायसवाल व अन्य लोगों ने कानूनी रूप से बचाया। जल संचयन भाग को पक्का बनवाया। अन्य विवादित क्षेत्र को स्टे लाकर कानूनी प्रकिया के तहत आज भी न्यायालय में विचाराधीन है।
वर्तमान चेयरमैन आशीष बरनवाल की मौन स्वीकृत ने पोखरे के विवादित जमीन पर देशी शराब ठेका हेतु निर्माण कार्य करवाने लगे जिस पर प्रशासन भी मौन था। फिर समाज सेवियों द्वारा भाजपा मंडल अध्यक्ष रत्नेश बिंद को अवगत कराया और स्टे आदि की छाया प्रति उपलब्ध कराया। प्रशासन को मण्डल अध्यक्ष ने प्रार्थना पत्र दिया तब जाकर कार्यवाही रुकी। नगर पंचायत अध्यक्ष व अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत की खामोशी रमणीक स्थल नागा बाबा सरोवर की उपलब्धि जल बिना अधूरी सी लग रही है। गर्मी के मौसम में नगर वासी सुबह शाम नागा बाबा सरोवर पर बैठकर खुली हवा का आनन्द लेते थे। जल बिहीन होने से नागा बाबा पोखरे की रौनक समाप्त होने लगी है। पशु पक्षी अपनी प्यास नहीं बुझा पा रहे हैं। नगर वासियों ने नगर पंचायत से पोखरे में पानी की ब्यवस्था करने की मांग की है। इस संबंध में अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत बिक्रम कुमार ने बताया कि पोखरे पर लगे समरसेवल में फाल्ट है, जल्द ही सही कराकर पोखरे को जल से भरा जाएगा।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय