नाग पंचमी पर श्रद्धा के साथ पूजे गये नाग देवता

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। नाग पंचमी पर घर-घर श्रद्धा पूर्वक नाग देवता की पूजा की गयी। लोगों ने धान का लावा और दूध चढ़ाया। घरों में अच्छे-अच्छे पकवान बनाये गये। जगह-जगह कुश्ती, कबड्डी आदि खेलों का आयोजन किया गया। लोगों ने कजरी के साथ झूले का आनन्द लिया।
फरिहां संवाददाता के अनुसार निजामाबाद तहसील के अंतर्गत आने वाले अमौड़ा मोहद्दीनपुर गांव में नाग पंचमी के अवसर पर पारंपरिक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों, नौजवानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह आयोजन न केवल शारीरिक ताकत और कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि यह नाग देवता के प्रति सम्मान और सदियों पुरानी धार्मिक परंपराओं की एक जीवंत मिसाल भी बनी। गांव में हर साल नाग पंचमी के दिन कुश्ती की परंपरा निभाई जाती है, और इस वर्ष भी ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला। मिट्टी के अखाड़े में युवाओं ने अपनी ताकत और हुनर का प्रदर्शन किया। सभी ने पारंपरिक खेलों के माध्यम से इस पर्व को खास बना दिया। इस आयोजन में अरविंद यादव, अनुराग, अभिनव, नितिन निराला, रवि मौर्य, विकास चौहान, अंतिमा, सोनी और प्रियंका सहित दर्जनों ग्रामीणों ने भाग लेकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अमर जीत यादव ने बताया कि ऐसी परंपराएं नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ती हैं और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देती हैं।
लालगंज प्रतिनिधि के अनुसार ब्लॉक मुहम्मदपुर के सबसे बड़ी ग्राम सभा रानीपुर रजमो में मां अगवानी के स्थान पर मंगलवार को नाग पंचमी के अवसर पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भव्य मेला का आयोजन किया गया। लोगों ने मां अगवानी व अगवान बाबा का दर्शन पूजन किया और प्रसाद ग्रहण किया। क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ देवारा, देवरिया, मऊ, गोरखपुर, कुशीनगर समेत अन्य जगहों से भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया। रामपुर निवासी मान सिंह पटेल ने बताया कि माता का यह मंदिर लोगों की मनोभावना को पूर्ण करता है। इसी वजह से सभी धर्म के लोगों का यहां पर आवागमन होता है जिस पर माता जी की कृपा हो जाए वह भाग्यशाली है।
पटवध प्रतिनिधि के अनुसार पटवध कौतुक क्षेत्रों जैसे चांदपुर, मानपुर, हरखपुर, गागेपुर, गोसडी, बसिला, श्रीनगर (सियरहां), पटवध सुधाकर इत्यादि गांवों में बड़े ही हर्षाेल्लास और धूमधाम के साथ नाग पंचमी का त्योहार मनाया गया। महिलाओं और पुरुषों ने नाग देवता की पूजा की। नाग देवता को दूध, लावा, फल, फूल अन्य प्रसाद मंदिरों, शिवालयों तथा जंगल, झाड़ियां में चढ़ाया गया। ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी का त्यौहार हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है।
फूलपुर प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय नगर पंचायत व आसपास ग्रामीण इलाकों में नाग पंचमी त्योहार धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही श्रद्धालु नाग देवता की पूजा के लिए सरोवर, के पास विधि विधान से लावा, दूध, अनरसा मिष्ठान, पान, फूल, आदि से पूजन अर्चन किया। शिवालय में भगवान नागेश्वर नाथ को जलभिषेक दुग्धाभिषेक, गाय के दूध लावा चढ़ाया। परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। इसी कड़ी में द्रोणाचार्य आश्रम में पुरोहित राजीव मिश्रा द्वारा काल सर्प दोष निवारण की वेदी बनाकर विधि विधान से पूजा की गई और रुद्राभिषेक किया गया। फूलपुर पिपरहवा घाट, नागा बाबा सरोवर तट पर, श्रद्धालुओं ने नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजन किया। वही नागा बाबा स्थित राम जानकी शिवालय पर आस्था के साथ श्रद्धा से दूध लावा मिश्रित जल अर्पण किया। प्रभु से आराधना कर परिवार के सुख समृद्धि के साथ की कामना की।
अतरौलिया प्रतिनिधि के नगर पंचायत क्षेत्र समेत ग्रामीण अंचलों में नाग पंचमी का पर्व पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। लोगों ने मंदिरों में नाग देवता को दूध और लावा अर्पित कर उनकी पूजा की, वहीं युवाओं ने पारंपरिक खेल कबड्डी खेलकर इस पर्व को और भी खास बना दिया। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। कैलेश्वर धाम मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में भक्तों ने नाग देवता को दूध और लावा अर्पित कर सुख-शांति और रक्षा की कामना की। रिमझिम बारिश और मौसम की बदली चाल ने पर्व की रौनक को थोड़ा प्रभावित जरूर किया, लेकिन लोगों की आस्था और उत्साह में कोई कमी नहीं आई। नगर पंचायत निवासी विपिन कुमार, भानमती, अर्चना सोनी, सूरज सिंह, रजनीश गुप्ता ने बताया लगातार कई वर्षों से कैलेश्वर धाम मंदिर पर जल चढ़ाते हैं और बहुत ही सुकून प्राप्त होता है। यहां आने से समस्त दुखो का नाश होता है यह स्थान बहुत ही रमणीय व पवित्र है। श्रावण मास में जल चढ़ाने से काफी लाभ होता है।

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