रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कस्बे में निर्मित मिट्टी के दीये की खेप इस बार भी मुम्बई गई है। यहां के बने दीये से मुम्बई रौशन होगी। दीपावली पर्व नजदीक आते ही जनपद के कारोबारी छोटे छोटे मिट्टी के दीये के कामगारों को आर्डर दे देते हैं। चूंकि दीये की डिमांड अधिक होती है इसलिए कई कारीगरों के जिम्मे होता है। दो से तीन माह इसे तैयार करने में लग जाते हैं। घर के सभी सदस्य इसमें हाथ बंटाते हैं। पहले हाथ से चाक चलते थे अब इलेक्ट्रिक मशीन से चलते हैं जिससे बनाने में भी आसानी होती है।
कारोबार से जुड़े रामधनी का कहना है कि इस बार मुम्बई के लिए छः लाख दीये का आर्डर था लेकिन मिट्टी कम मिलने से पूरी मात्रा में दीये तैयार नहीं हो सके। अन्य करीगरों को मिलाकर एक लाख ही दीये भेजे गये। इससे पहले भी यहां से बने दीये मुम्बई जाते रहे हैं और मुम्बई रौशन होती रही है। मुम्बई जाने वाले दीये अलग किस्म के बनाये जाते हैं। यहां गावों, बाजार मंे बिकने वाले दीये से मोटे भी होते हैं। अगले वर्ष के लिए भी अभी से आर्डर होने लगे हैं।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा