संस्कार देने वाली मां को करनी होगी बेटियों की इज्जत : आनंदी बेन पटेल

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के दिल से बेटियों का दर्द भी छलका। उन्होंने ऋषि दुर्वासा, दत्तात्रेय आदि ऋषियों को नमन करते हुए कहा कि यहां की भूमि गौरवशाली एवं पवित्र है। महाराजा सुहेलदेव को भी स्मरण करते हुए नमन किया।
उसके बाद उन्होंने कहा कि आज छात्र-छात्राओं को जो मेडल मिला है, उसमें 75 प्रतिशत छात्राएं हैं। एक समय था जब बेटियों को पढ़ने के लिए परिश्रम करना पड़ता था, इसमें आज भी बहुत सुधार नहीं हुआ है, लेकिन आज बेटियां अपनी मेहनत से बहुत आगे बढ़ रही हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दी जा धनराशि के सर्वे में पता चला है कि बेटियों को लाभ नहीं मिलता है। बेटियां मां को प्यारी हों, यह बदलाव लाना है। संस्कार देने वाली मां जब बेटी की इज्जत नहीं करेगी, तो वह कैसे आगे बढ़ेगी। यह विकसित भारत है, इसलिए हर बच्चे का अधिकार पढ़ना एवं स्वस्थ जीवनयापन करना है। उन्होने कहा कि बेटा एवं बेटियां परिवार के लिए एक समान होना चाहिए, उनमें भेदभाव न करें। आज-कल के अभिभावक लड़कियों की अपेक्षा लड़कों को अच्छी सुविधा दे रहे हैं और अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, जो एक चिंता का विषय है। लड़कियों को भी लड़कों के समान शिक्षा दें। हर बच्चे का अधिकार जीवित रहना एवं शिक्षा ग्रहण करना है। उन्हांने अधिकारियों से कहा कि टीबी से ग्रसित बच्चों को भी गोद लिया जाए। इसी के साथ ही उन्हांने मेडल प्राप्त छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं को काम करना होगा, तभी आप अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। भविष्य में आप जब तक जीयें, तब तक कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे आपके मेडल पर प्रश्न चिह्न न लगे। सहनशीलता के प्रेरणास्रोत बनें, आप समाज में ऐसा काम करें, जिससे कि आपसे दूसरे लोग प्रेरणा लें।

नौकरियों पर आश्रित रहने की बजाय खुद को रोजगार से जोड़ने की दी सलाह
आजमगढ़। राज्यपाल ने नौजवानों को नौकरियों पर आश्रित रहने की बजाय खुद को रोजगार से जोड़ने की भी सलाह दी। बताया कि प्रधानमंत्री ने मुद्रा लोन को दोगुना करके अब 20 लाख कर दिया है। कहा कि आज बड़ी-बड़ी कम्पनियां छात्र-छात्राओं की अपने यहां इन्टर्नशिप कराकर नौकरियां दे रही हैं, इसलिए विश्वविद्यालय भी बड़ी-बड़ी कंपनियों से संपर्क कर छात्र-छात्राओं का इन्टर्नशिप कराएं। अधिकारियों से कहा कि जिन बच्चों की उम्र 03 वर्ष से अधिक हो गई है, उन बच्चों का नामांकन आंगनबाड़ी केंद्रों में अवश्य कराया जाए।
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र तिवारी ने प्रथम दीक्षांत समारोह में अतिथि बनाने के लिए कुलपति के साथ-साथ विश्वविद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। अति विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को शुभकामना दी। राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने बेटियों के प्रति एवं प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को धरातल पर उतराने वाले विश्वविद्यालय के कुलपति एवं सभी प्राध्यापकों के प्रति आभार व्यापित किया। कुलसचिव ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना, सीडीओ परीक्षित खटाना, एडीएम प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, सीआरओ विनय कुमार गुप्ता, प्रो. गीता सिंह, डॉ. प्रवेश सिंह, लेफ्टिनेंट डॉ. पंकज सिंह, डॉ. पीसी श्रीवास्तव, डॉ. अरुण सिंह, डॉ. राजेश यादव, ले. चंदन कुमार, अवनीश राय, दुर्गेश सिंह तथा डॉ. धर्मेंद्र प्रताप यादव आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ. ईश्वर चंद्र त्रिपाठी एवं अनुभा श्रीवास्तव ने किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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