आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दो दिनों तक दो लाख क्यूसेक से कम पानी छोड़ने का असर सरयू नदी के जलस्तर में साफ तौर पर दिखने लगा है, लेकिन शनिवार को एक बार फिर दो लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का खतरा बरकरार है। पानी कम होने के साथ प्रशासन ने सभी स्थानों पर नाव का संचालन बंद करा दिया गया है। जहां जरूरत है वहां ग्रामीण अपने स्तर से नाव की व्यवस्था कर रहे हैं। पानी कम होने के बाद भी अभी कई गांवों के रास्तोें पर पानी भरा है, तो जहां से पानी पूरी तरह से हट गया है वहां कीचड़ से होकर आवागमन मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जलस्तर कम होने और कीचड़ के कारण मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि रात तो रात दिन का आराम भी मुहाल हो गया है।
सगड़ी तहसील के उत्तरी छोर पर बहने वाली सरयू नदी की उफान एक बार फिर मंगलवार से थमने लगी। जलस्तर में कमी का क्रम शनिवार को भी बना रहा और जलस्तर खतरा निशान 71.68 से 39 सेमी कम 71.29 मीटर रिकार्ड किया गया। शुक्रवार को यहां का जलस्तर 71.59 मीटर रिकार्ड किया गया था। यानी 24 घंटे में 20 सेमी पानी कम हुआ है।
हालांकि, अभी भी दर्जन भर गांवों के रास्ते पानी व कीचड़ में डूबने के कारण आवागमन में दिक्कत हो रही है। कारण कि पानी ज्यादा कम होने से नाव का संचालन संभव नहीं है।
दूसरी ओर खेतों में अभी भी पानी होने के कारण हरे चारे की समस्या बनी हुई है। ग्रामीण महुला-गढ़वल बंधे के दक्षिण से अभी भी 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तय करके पशुओं के लिए हरा चारा लेकर घर जा रहे हैं। हरैया विकासखंड के 20 विद्यालयों को अभी भी खोलने का आदेश जारी नहीं किया गया है। वैसे इस मामले में बात करने के लिए किए काल को खंड शिक्षाधिकारी अशोक राय ने रिसीव नहीं किया। देवारा खास राजा ग्रामसभा के झगरहवा का पुरवा, कोमल का पुरवा, बासू का पुरवा, बगहवा का पुरवा, चक्की हाजीपुर, लाला का पुरवा, पालकी का पुरवा, बांका, बूढ़नपट्टी, सोनौरा, अजगरा मगर्बी, अभ्भन पट्टी, भदौरा, शाहडीह सहित 18 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं जलस्तर कम होने के साथ झगरहवा, बगहवा और बासू का पुरवा में मध्यम गति से कटान शुरू होने से आसपास के लोग दहशत में हैं।
इस बीच 54वें दिन भी तीन बैराजों से छोड़े गए 2,04,349 क्यूसेक पानी से बाढ़ का खतरा बरकरार है। जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिख रहा है। 10 बाढ़ चौकियां और 17 राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
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राहत की जंग में दो दिनों में पास हुए साढ़े पांच सौ लोग
आजमगढ़। हर साल का वही हाल, सरयू में उफान और देवारा बेहाल। बाढ़ के जाल से निकलने के बाद आती है राहत की बात और राहत की इस जंग मेें दो दिनों के अंदर साढ़े पांच सौ लोग पास हो चुके हैं। यानी बाढ़ प्रभावित 18 गांवों के मात्र साढ़े पांच सौ लोगों को ही दो दिनों में राशन किट का वितरण किया जा सका। रामनगर कुकरौछी स्थित श्री गंगा गौरी महाविद्यालय परिसर में राशन किट के लिए राशन और आधार कार्ड के साथ सुबह से ही पीड़ितों ने लाइन लगा दी थी। वितरण शुरू हुआ तो पहले दिन लगभग ढाई सौ और दूसरे दिन तीन सौ लोगों के हाथों तक ही राहत सामग्री पहुंच सकी।
रिपोर्ट-सुबास लाल