प्रधान और रोजगार सेवक का परिवार बना मनरेगा मजदूर

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लॉक के ग्राम पंचायत टेल्हुआ में कागज में ही मनरेगा का कार्य जोरों पर चल रहा है। यहां पर कुशहर के खेत से कटघर सरहद तक चकबंध के कार्य में 38 मजदूरों के नाम मास्टररोल जारी है। धरातल पर कार्य की बात की जाए तो क्षणिक फोटो वीडियो बनाकर हाजिरी लगाने की कवायद चल रही है। जहां आएदिन कुछ ही मनरेगा कर्मी आते हैं और रोजगार सेवक से फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं, और सबकी हाजिरी लग जाती है।
एक तरफ बारिश हो रही है, और दूसरी तरफ मनरेगा मजदूरों का क्षणिक फोटो खींचकर तथाकथित हाजिरी लगाने की कवायत चल रही है। जैसा कि देखने में यह आता है कि बारिश होने के कई दिनों तक खेतों से मिट्टी उठाना दूभर हो जाता है, लेकिन यहां तो सरकारी धन को बंदर बाट करने की लालच में केवल कागज में सब कुछ संभव है। सवाल यह भी है कि हो रही बारिश को कागज में कैसे रोक पाते हैं भ्रष्टाचारी।
यह सुनियोजित भ्रष्टाचार करने में ग्राम प्रधान से मिली भगत कर रोजगार सेवक और मनरेगा जेई तथा ग्राम विकास अधिकारी मेहरबान हैं। शिकायत होने पर एपीओ बचाव कार्य में लग जाते हैं। शिकायत के बाद भी उच्चाधिकारियों को औचक निरीक्षण करने का समय नहीं मिल रहा, ऐसे में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वितीय तथा मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना को हस्तक्षेप करना चाहिए, तथा औचक निरीक्षण कराकर मामले का खुलासा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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