बोले- इलाज की कमी और लापरवाही के कारण उनके पिता की हुई मौत
नई दिल्ली। आज सुबह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पूरा कांग्रेस गम मना ही रहा था कि इसी बीच संतोख के बेटे विक्रमजीत चौधरी ने आरोप लगाया है कि इलाज की कमी और लापरवाही के कारण उनके पिता की मौत हुई। पंजाब के फिल्लौरी में राहुल गांधी के साथ चलते समय संतोख सिंह अचानक बीमार पड़ गए। कांग्रेस नेता को फगवाड़ा के विर्क अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
सिर्फ मोतियाबिंद की हुई थी सर्जरी!
फिल्लौरी के कांग्रेस विधायक और संतोख सिंह के बेटे विक्रमजीत चौधरी ने मीडिया से कहा कि जब संतोख सिंह को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया जा रहा था, तब पम्प के दौरान उनकी सांसें चल रही थी। विक्रमजीत चौधरी ने कहा कि एम्बुलेंस में मौजूद डॉक्टरों ने हमें एक तरफ जाने और उन्हें अपना काम करने देने के लिए कहा। मेरे पिता को कोई इमरजेंसी शॉक ट्रीटमेंट नहीं दिया गया। डॉक्टर घबरा रहे थे। एक मीडिया एजेंसी के अनुसार, कांग्रेस विधायक ने कहा कि पिता ने अपने पूरे जीवन में सिर्फ मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी। वहीं, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि संतोख सिंह को पहले से कोई बीमारी नहीं थी और वह स्वस्थ थे। बाजवा ने कहा कि उन्हें कोई पुरानी बीमारी नहीं थी। वह हर तीन महीने में अपना चेकअप करवाते थे।
भाजपा नेता कालिया ने सीएम मान को ठहराया जिम्मेदार
विपक्ष ने भी कांग्रेस सांसद के आकस्मिक निधन के लिए आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने कहा कि संतोख सिंह चौधरी को बचाया जा सकता था यदि उन्हें समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती। राहुल गांधी के पीछे जाने वाली एम्बुलेंस में कोई उचित व्यवस्था नहीं थी और यह जिम्मेदारी पंजाब के सीएम भगवंत मान की थी। उन्होंने आगे कहा कि कम से कम एक वीआईपी (राहुल गांधी) के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए थी। वास्तव में, राहुल गांधी के पीछे चल रही एम्बुलेंस में पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए थी। हमें जो पता चला है, एम्बुलेंस में डॉक्टर नहीं थे। यह बहुत दुखद घटना है और शर्म की बात है कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण एक सांसद की मौत हो गई। इसके लिए ‘आप’ को दोषी ठहराया जाना चाहिए और सरकार को जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
डॉक्टर ने किया खंडन
इसी बीच जालंधर के सिविल सर्जन डॉ. रमन शर्मा ने चिकित्सकीय लापरवाही के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि शनिवार को सुबह करीब साढ़े आठ बजे जब संतोख सिंह को दिल का दौरा पड़ा, तब मैंने अपनी पूरी टीम से बात की। उन्हें तुरंत एंबुलेंस में रखा गया और वहां के डॉक्टरों ने प्रोटोकॉल के मुताबिक उनका इलाज किया।