कार्यों का एमआईएस इन्ट्री अनिवार्य-डीएम

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई-2.0 योजनान्तर्गत डब्ल्यूसीडीसी की बैठक आयोजित की गयी।

जिलाधिकारी ने कहा कि योजनान्तर्गत प्रेषित धनराशि के उपभोग, कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व एमआईएस पोर्टल पर पंजीयन के साथ यथा वांछित आधारभूत ऑकड़ों की प्रविष्टी अनिवार्य रूप से पूर्ण की जाय। परियोजनान्तर्गत निष्पादित किये जा रहे सभी कार्यों तथा प्रशिक्षण सूत्रों का कार्य से पूर्व, कार्य के मध्य तथा कार्य के पश्चात (प्री,. ड्यूरिंग एवं पोस्ट) जियो टैग्ड फोटोग्राफ्स अनिवार्य रूप से लिया जाय तथा इसके पश्चात ही भुगतान सुनिश्चित कराया जाय। उन्होने कहा कि कार्यों का एमआईएस इन्ट्री अनिवार्य है। योजना के अन्तर्गत उपलब्ध करायी गयी सम्पूर्ण धनराशि का भुगतान जीरों बैलेन्स खाते पीएफएमएस आधारित भुगतान किया जाना है। यदि आवश्यक हो तो सम्बन्धित कार्मिक को इस कार्य में प्रशिक्षित कराया जाय, यदि जनपद स्तर पर प्रशिक्षण में कोई अवरोध हो ऐसी दशा में एसएलएनए कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होने कहा कि वाटरशेड कमेटी स्तर पर जीरो बैलेन्स परियोजना खाता एवं वाटरशेड विकास निधि खाता आवश्यक रूप से खोला जाय। किसी भी कार्य, विषय पर संदेह की स्थिति में वाटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 संचालन हेतु संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी न्यू जनरेशन गाइडलाईन 2021 प्रभावी होगी।
भूमि संरक्षण अधिकारी, ऊसर सुधार ने बताया कि वाटरशेड कार्यक्रम के क्रियान्वयन में शामिल सभी कार्यकर्ताओं और भागीदारो के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण के कार्य को सुनिश्चित कार्य योजना और अपेक्षित व्यावसायिकता और योग्यता के साथ क्षमता का विकास किया जाना प्रस्तावित है। डब्लूडीसी-पी0एम0के0एस0वाई0-2.0 में कृषि विभाग (आत्मा योजना, पीएम कुसुम, कृषि यंत्रीकरण, नेशल फूड सिक्योरिटी मिशन आदि), पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग, मत्स्य विभाग, मनरेगा, उद्यान विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत डीपीआर निर्माण के समय सभी योजनाओं का कन्वर्जेंस शामिल करते हुये परियाजना का क्रियान्यवयन कराया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, उप निदेशक, भूमि संरक्षण संजय सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी धर्मेन्द्र पाण्डेय, जिला कृषि अधिकारी डा. गगनदीप सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवां के वैज्ञानित सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव

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