कप्तानगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कहने को तो देश स्वच्छ भारत मिशन के तहत आगे बढ़ चुका है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर दिखा रही है। कोयलसा ब्लॉक के दशवंतपुर गांव में जहां लाखों रुपये की लागत से बना सामुदायिक शौचालय अब शोपीस बनकर रह गया है वहीं गंदगी का अम्बार भी लगा हुआ है।
दशवंतपुर गांव में लाखों रुपये की लागत से शौचालय तो बनवा दिया गया, लेकिन आज यह शौचालय पूरी तरह खंडहर बन चुका है। चारों तरफ झाड़ियां, दीवारों पर गंदगी, और दरवाजे टूट चुके हैं। साफ-सफाई का तो नामोनिशान नहीं है। शौचालय के पास कोई पानी की व्यवस्था नहीं, सफाई करने वाला कोई नहीं आता, और न ही कोई व्यक्ति इसका इस्तेमाल करता है। ग्राम प्रधान विनोद निषाद ने बताया कि इस शौचालय की देखरेख के लिए जय मां काली महिला समूह को जिम्मेदारी दी गई थी। समूह की महिलाओं को इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया था, ताकि गांव की महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनें और सफाई व्यवस्था बनी रहे। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों या सफाई कर्मियों की लापरवाही की वजह से ये शौचालय बंद पड़ा है।
गांव निवासी दिनेश यादव, नीरज यादव ने बताया कि शौचालय बंद होने से लोगों को बहुत दिक्कत होती है। सुबह या शाम लोगों को खुले में जाना पड़ता है, जो शर्मनाक भी है और असुविधाजनक भी।
रिपोर्ट-विजय कुमार