सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरे संग बताया गया प्रबंधन का तरीका

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा संचालित जिला गंगा समिति, सामाजिक वानिकी विभाग एवं सावित्री बाई फुले राजकीय पालिटेक्निक कालेज के संयुक्त तत्वावधान में नदियों के संरक्षण हेतु प्लास्टिक उन्मूलन एवं अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर कार्यशाला का आयोजन पॉलिटेक्निक कालेज में किया गया। इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरे संग उसके प्रबंधन का तरीका भी बताया गया। साथ ही प्लास्टिक व ग्लूकोज बॉटल को रीयूज करके छात्रों को ड्रिप इरिगेशन किट बनाना भी सिखाया गया।
राजकीय पालिटेक्निक के शिक्षक एवं जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक इंजीनियर कुलभूषण सिंह ने प्रोजेक्टर के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक एवं अपशिष्ट प्रबंधन की समस्या एवं समाधान के विषय पर जानकारी दी। बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक को जलाने पर जहरीले गैस निकलती है। यह नदियों में जाकर पानी को प्रदूषित करते हैं। उन्होंने रिड्यूस, रीयूज, रिसाइकल के सिद्धांत के तहत पालिथीन एवं प्लास्टिक बोतल से ईको ब्रिक बनाने के विषय में छात्रों को सिखाया। श्री सिंह ने बताया की राजकीय पालिटेक्निक के छात्रों एक लाख पालिथीन से ईको ब्रिक बनाएंगे तथा इसका उपयोग दीवार बनाने व अन्य स्ट्रक्चर बनाने में करेंगे। प्लास्टिक बोतल, ग्लूकोस बोटल को रीयूज करके छात्रों को ड्रिप इरिगेशन किट बनाना भी सिखाया, जिससे छात्र संस्था एवम अपने घर भी पौधों की सिंचाई भी करेंगे। छात्राओं ने कार्यशाला में पुराने कपड़ों से घर पर कपड़े का बैग बनाकर बांटने का भी संकल्प लिया। जिला गंगा समिति का प्रतिनिधित्व प्रखर त्रिपाठी जिला परियोजना अधिकारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम समापन गंगा शपथ के साथ हुआ। कार्यक्रम में बीके मिश्रा, अरविंद यादव आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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