आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। गोंड़ जाति को अनुसूचित जनजाति तथा खरवार जाति को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र व सभी संवैधानिक अधिकारों को दिलाने के लिए अखिल भारत वर्षीय गोंड़ महासभा ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
महासभा के अध्यक्ष कन्हैया लाल गोंड ने कहा कि मंगलवार को 29वां विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया भर के आदिवासी समाज के मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव पारित किया था। परंतु 21वीं सदी में भी विश्व के विभिन्न देशों में निवासरत आदिवासी समाज अपने उपेक्षा, गरीबी व बंधुआ मजदूरी व बाल मजदूरी, अशिक्षा जैसी समस्या से जूझ रहा है। आजमगढ़ सहित पूर्वांचल के 13 जनपदों में गोंड़ जाति को अनुसूचित जनजाति एवं शेष जनपदों में अनुसूचित जाति की श्रेणी में और इसी तरह खरवार जाति को पांच जनपदों में अनुसूचित जनजाति व शेष जनपदों में अनुसूचित जाति में सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली द्वारा भी जनपद आजमगढ़ निवासी गोंड़ जाति के पक्ष में निर्देश जारी किया गया है परंतु सुसंगत साक्ष्यों को नजर अंदाज कर तथा कोई शासनादेश व निर्देश स्पष्ट नहीं है, कहकर जिला प्रशासन व तहसीलदार द्वारा शासनादेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। इस समाज का उत्पीड़न बदस्तूर जारी है। उन्होंने राष्ट्रपति से अपने निष्पक्ष प्रभाव का उपयोग कर आदिवासी समाज विशेष तौर पर गोंड़ व खरवार जाति के साथ न्याय करने हेतु संबंधित प्रदेश सरकार को निर्देशित करने की मांग की। इस मौके पर सुआल प्रसाद गोंड़, दीपू खरवार आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-दीपू खरवार