आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मण्डलायुक्त विवेक ने अपने कार्यालय सभागार में मण्डल के जनपदों में निर्माणाधीन परियोजनाओं, राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व सम्बन्धी कार्यों तथा स्थानीय निकायों में संचालित कार्यक्रमों की अलग अलग समीक्षा किया।
उन्होंने एक करोड़ एवं उससे अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान समस्त कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं का कार्य धनाभाव के कारण बाधित है, उसके लिए बजट आवंटन की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार की जाय। मण्डलायुक्त विवेक ने कार्यदायी संस्थावार परियोजनाओं की समीक्षा में पाया कि कई परियोजनायें पूर्ण है, परन्तु विद्युतीकरण के अभाव में हैण्डओवर की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। इस पर उन्होंने मुख्य अभियन्ता विद्युत को निर्देश दिया कि तत्काल इस ओर ध्यान देकर विद्युतीकरण कराया जाय। उन्होंने भौतिक प्रगति शून्य दर्शाई गयी परियोजनाओं की समीक्षा में पाया कि कार्यदायी संस्था उप्र जल निगम-ग्रामीण के स्तर पर 65 ऐसी परियोजनायें हैं जिसमें धनराशि प्राप्त है और कार्य भी कराये गये हैं, परन्तु बजट आवंटन एवं भौतिक प्रगति शून्य दिखाई है, जिससे मण्डल एवं जनपद की रैंकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस सम्बन्ध में अधीक्षण अभियन्ता, उप्र जल निगम-ग्रामीण द्वारा कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया गया है। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी व्यक्त किया तथा कार्यदायी संस्था के अधीक्षण अभियन्ता की घोर लापरवाही मानते हुए उनका वेतन बाधित करने और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। इसी प्रकार 90 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति से सम्बन्धित परियोजनाओं की समीक्षा में उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा कराये जा रहे कार्यों में जनपद बलिया में कार्यों की खराब स्थिति मिलने पर उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी, बलिया को निर्देश दिया कि पर्यटन विभाग के कार्यों को देख लें तथा सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी बलिया के स्तर शासन को पत्र प्रेषित कराया जाय। मण्डलायुक्त विवेक ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा में पाया कि मण्डल के तीनों जनपदों में कई परियोजनायें ऐसी हैं, जिसमें स्वीकृत बजट के सापेक्ष काफी कम धनराशि प्राप्त हुई है, इसके बावजूद भौतिक प्रगति काफी अधिक अंकित कराई गयी है। मण्डलायुक्त ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि अधीक्षण अभियन्ता, ड्रेनेज मण्डल, बलिया द्वारा विभागीय कार्यों की समीक्षा नहीं की जा रही है तथा पोर्टल पर अपडेट भी नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने इस लापरवाही पर अधीक्षण अभियन्ता ड्रेनेज मण्डल को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट-सुबास लाल