आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत् शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों ने लिंग भेद के आधार पर नवीनीकरण न किये जाने का विरोध जताते हुए न्याय की मांग की। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक सौंपा।
सौंपे गये पत्रक में उल्लेख किया है कि पुरुष लेखाकर, अंशकालिक शिक्षक, अनुचर व चौकीदार वर्ष 2005 से अद्यतन लगभग 15 से 18 वर्षों तक निष्ठा पूर्वक बेदाग सेवा दे रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 15 से 18 वर्षों तक निर्वाद हमारी सेवा का विस्तार होता आया है। इसमें कार्यरत् कर्मियों की आयु या तो नई नौकरी के लिए समाप्त हो गयी है या तो एक दो वर्षों में समाप्त हो जायेगी। ऐसी परिस्थिति में सबके परिवार का पालन-पोषण का आर्थिक संकट आ जायेगा। हम लोगों का विद्यालय के छात्रावास से कोई सरोकार नहीं है। जिसकी जानकारी वार्डेन, प्रभारी वार्डेन से ली जा सकती है। सिर्फ लिंग भेद के आधार पर नवीनीकरण न करना हम सभी पुरूष कर्मियों के साथ अन्याय होगा। भारत में ऐसा कोई संस्थान नहीं जो केवल जेण्डर विशेष पर चलाई जाय। सरकार का मुख्य एजेण्डा लिंग भेद मिटाना है तो फिर ये भेदभाव क्यों किया जा रहा है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस आदेश पर रोक लगाई जाय। इस अवसर पर सर्वप्रताप, मनोज, महेन्द्र उषा देवी, प्रमोद कुमार, मनीष कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार