आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विश्व मलेरिया दिवस पर चाइल्ड केयर क्लिनिक, सिधारी, के शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डा.डीडी सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि 2013 में 19 करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा लोगों को मलेरिया हुआ और इस बीमारी ने 5 लाख 84 हज़ार लोगों की जान ले ली। इनमें से 80 प्रतिशत बच्चे थे, जिनकी उम्र 5 साल से कम थी। दुनियां भर में करीब 100 से भी ज्यादा देशों में यह बीमारी फैली हुई है और वहां तकरीबन 320 करोड़ लोगों को मलेरिया होने का खतरा है।
डा.सिंह ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो परजीवी रोगाणु की वजह से होती है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया के लक्षण हैं बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, सिरदर्द, शरीर में दर्द, जी मचलना और उल्टी होना। कभी-कभी इसके लक्षण हर 48 से 72 घंटे में दोबारा दिखायी देते हैं।
बचाव के बारे में डा. सिंह ने कहा कि मच्छरदानी लगाकर सोएं। घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें। घर के दरवाज़ों और खिड़कियों पर जाली लगाएं, ताकि मच्छर अंदर न बैठें। हलके रंग के कपड़े पहनिए जिनसे आपका शरीर पूरी तरह ढका हो। अगर आपको मलेरिया हो गया है, तो फौरन इलाज कराना चाहिए। किसी संक्रमित मच्छर के काटने से एक व्यक्ति में मलेरिया के रोगाणु आ सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ, एक संक्रमित व्यक्ति को काटने से एक मच्छर में मलेरिया के रोगाणु आ सकते हैं। उसके बाद अगर वह मच्छर किसी दूसरे इंसान को काटे, तो उसे भी मलेरिया हो सकता है। अगर मलेरिया का इलाज न करवाया जाए, तो शरीर में खून की भारी कमी हो सकती है और जान भी जा सकती है।
रिपोर्ट-सुबास लाल