आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी बीएल यादव के मार्ग निर्देशन में महिला कल्याण विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यस्थल पर लैंगिक समानता हेतु “इक्वल प्लेस” एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिलरियागंज में कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम किया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ0 सतीश चन्द, बीपीएम निधि वर्मा, जिला समन्वयक अन्नू सिंह व पिंकी सिंह द्वारा 36 नवजात शिशुओं की माताओं को बेबी किट व प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया एवं कन्या सुमंगला योजना से भी जोड़ा गया। अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित इक्वल प्लेस कार्यक्रम में जिला समन्वयक अन्नू सिंह द्वारा कार्य स्थल पर लैंगिक समानता विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि लैंगिक भेदभाव का एक प्रमुख कारण भारतीय मान्यताएं व परम्पराएं भी हैं। भारत में श्राद्ध व पिण्डदान का अधिकार पुत्रों को ही है। बालक एवं बालिका में भेदभाव का प्रमुख कारण समाज के लोगों की संकीर्ण विचारधारा है। लोग लड़के को बुढ़ापे का सहारा, वंश चलाने वाला व घर खर्च चलाने वाला समझते हैं, जबकि लड़की के मामले में ऐसा नहीं समझा जाता है। समाज में स्त्रियों को एक कमजोर वर्ग के रूप में देखा जा रहा है और शोषण एवं अपमान किया जाता है। उन्होने बताया कि लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए बालक, बालिका में कोई अन्तर न समझें, दोनों को समान शिक्षा दें और कार्यस्थल पर कार्य के दौरान कार्य में महिलाओं को बराबर अधिकार दें।
महिला कल्याण विभाग की पिंकी सिंह ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट भारत में कन्या भू्रण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित संघीय कानून है। उन्होने घरेलू हिंसा, बाल विवाह, लिंग परीक्षण, कन्या भू्रण हत्या आदि के बारे में विस्तार बताया। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन कार्यालय के कृष्णा पाण्डेय, अनवर रशीद, सीएचसी बिलरियागंज के स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार