माँ विंध्यवासिनी एग्रो सीड का हुआ शुभारम्भ

शेयर करे

रमाकान्त यादव व दीदारगंज विधायक कमलाकान्त राजभर

आजमगढ़ (सृष्टि मीडिया)। सरायमीर क्षेत्र के सिकरौर बाजार के पास ग्राम पुरंदरपुर में स्थापित मां विंध्यवासिनी एग्रो सीड के उद्घाटन अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि फूलपुर के विधायक पूर्व सांसद रमाकान्त यादव एवं विशिष्ट अतिथि विधायक, दीदारगंज कमलाकांत राजभर उपस्थित थे।
गोष्ठी में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा रुद्र प्रताप सिंह, डा आर के सिंह एवं अन्य वैज्ञानिकों द्वारा बीज उत्पादन की तकनीकी के सम्बंध में बीज उत्पादकों को विस्तृत जानकारी दी गयी। गोष्ठी में उप निदेशक, राज्य बीज प्रमाणीकरण, मऊ सुभाष यादव द्वारा धान, गेहूं, चना, मटर, राई, सरसों आदि फ़सलों के प्रमाणीकरण शुल्क तथा ग्रेडिंग शुल्क के बारे में कृषकों तथा बीज विक्रेताओं को बताया गया। इस अवसर पर दोनो अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से फ़ीता काट कर अत्याधुनिक सीड प्रॉसेसिंग प्लांट का उद्घाटन यंत्र का बटन दबा कर किया गया। प्लांट के बारे में जानकारी दी गयी की इसमें दो आधुनिक ग्रेडर, इंडेंट सिलेंडर व ग्रैविटी सेपरेटर हैं जिनके माध्यम से १००ः शुद्ध अनुवांशिक बीजों का उत्पादन ‘शिवालिक ब्रांड’ के नाम से किया गया है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा रीसर्च से तैयार किए गए ब्रीडर एवं फ़ाउंडेशन बीज के द्वारा जनपद के बीज उत्पादकों से बीज उत्पादन कराया जाता है। गोष्ठी में विधायक राजभर ने कहा की बहुत हर्ष का विषय है की इस पिछड़े क्षेत्र में सीड प्रॉसेसिंग प्लांट उद्योग की स्थापना की गयी हैं जिससे कृषकों को उच्च कोटि का बीज प्राप्त होगा तथा मज़दूरों को रोज़गार भी मिलेगा। पूर्व सांसद एवं विधायक रमाकान्त यादव ने शुभकामना देते हुए किसानों से अपील किया कि किसान भाई ‘शिवालिक ब्रांड’ बीज का इस्तेमाल करके अधिक से अधिक लाभ कमाएँ तथा जनपद का नाम रोशन करें । गोष्ठी का संचालन संजय पांडेय द्वारा किय गया। पधारे हुए अतिथियों, कृषकों एवं विक्रेताओं का आभार प्रकट करते हुए अनिल कुमार तिवारी, संयुक्त कृषि निदेशक (से.नि.) ने बताया कि कम्पनी द्वारा धान की सुगन्थित, महीन तथा मोटे धान की दस प्रजातियों के बीजों की ‘शिवालिक ब्रांड’ के नाम से छह किलो एवं तीस किलो की पैकिंग की गयी है । आने वाले समय में गेहूं, चना, मटर, राई, सरसों आदि फसलों एवं सब्ज़ियों के भी गुणवत्ता युक्त बीज का उत्पादन करके कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *