आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। निकट आरटीओ ऑफिस श्री राम जानकी मंदिर जाफरपुर में चल रहे सप्त दिवसीय संगीतमय श्री हनुमान कथा के प्रथम दिन मंगलवार की रात्रि कथावाचक बालव्यास पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने अपने प्रवचन में एक गूढ़ और धार्मिक रहस्य का उद्घाटन करते हुए बताया कि त्रेता युग में जब भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अवतार लिया, तब भगवान शिव ने भी राम की सेवा और धर्म की स्थापना हेतु हनुमान जी के रूप में अवतार लिया।
उन्होंने बताया कि हनुमान जी कोई साधारण वानर नहीं, बल्कि स्वयं भगवान शिव के अंश से उत्पन्न हुए दिव्य अवतार हैं। हनुमान चालीसा की प्रसिद्ध चौपाई शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि यह पंक्ति स्वयं इस रहस्य को स्पष्ट करती है कि हनुमान जी भगवान शिव के पुत्र नहीं, बल्कि अवतारी स्वरूप हैं। कौशल किशोर जी महाराज ने बताया कि अंजनी माता ने पुत्र की प्राप्ति के लिए भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी, और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने अपने अंश से हनुमान जी को प्रकट किया, वहीं पवन देव ने जीवन का संचार कर उन्हें इस पृथ्वी पर भेजा। इस प्रकार हनुमान जी तीन शक्तियों शिव की शक्ति, अंजनी की भक्ति और पवन की प्रेरणा के समन्वय से प्रकट हुए। हनुमान जी केवल भक्त ही नहीं, बल्कि एक उत्कृष्ट सेवक भी हैं, और शिव स्वयं रामकाज हेतु इस रूप में अवतरित हुए हैं। हनुमान जी चरित्र समर्पण और सेवा का पर्याय है धार्मिक रूप से ही नहीं, बल्कि अध्यात्म और भक्ति मार्ग के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत प्रेरणादायक है, जो यह दर्शाता है कि ईश्वर अपने भक्तों और धर्म की रक्षा के लिए स्वयं अनेक रूपों में अवतरित होते हैं।
इस अवसर पर सुशील कुमार सिंह, टीपी सिंह, अंकित मिश्रा, राय अनूप श्रीवास्तव, अजय वर्मा, प्रमोद वर्मा, बबलू सिंह, गुड्डू सिंह आदि लोग उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार