फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय बाबा परमहंस जी मंदिर परिसर में चल रहे संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन बुधवार को कथाकार प्रभु दयाल जी ने कहा कि भगवान भाव के भूखे हैं। श्रद्धा से उन्हें आसानी से पाया जा सकता है। दुर्याेधन द्वारकाधीश को बुलावा भेजा और पूरे नगर को खूब सजाया। वहीं दुर्याेधन के कुत्सित प्रयास के बारे में विदुर ने जब धृतराष्ट्र से शिकायत की तो पुत्र मोह में धृतराष्ट्र ने कुछ नहीं कहा।
प्रभु दयाल जी ने कहा कि दुर्याेधन ने दासी पुत्र कह विदुर का अपमान कर मंत्री पद से हटा दिया। दुर्याेधन ने श्रीकृष्ण का खूब आव भगत किया। उसने जब प्रभु श्रीकृष्ण से भोजन करने को कहा तो भाव के भूखे भगवान श्रीकृष्ण ने कहा मै तो भोजन काका विदुर के यहां करुंगा। उनका निमंत्रण मुझे मिला है। दुर्याेधन ने विदुर के गरीबी का मजाक उड़ाया और अपने नाना प्रकार के व्यंजन से भोग लगाने की बात कही। आतिथ्य सत्कार को विदुर श्रीकृष्ण की बात अपने पत्नी को बताते हैं और बाजार चले जाते हैं। उधर काकी कहते श्रीकृष्ण विदुर की कुटिया में पहुंचते हैं। वहीं विदुर की पत्नी अपने द्वार आए भगवान को देख फूले नहीं समाती। भाव में इतनी मगन कि प्रभु को केला का छिलका खाने को देती और गुद्दा फेंक देती है। भगवान भाव के भूखे छिलका बड़े प्रेम से खाते गए। जब विदुर जी आए तो पत्नी को टोका तब जाकर ध्यान आया। कथा के दौरान प्रभु दयाल जी ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के आनंदमई कथा सुन श्रद्धालु झूम उठे। सजीव झांकी वासुदेव श्रीकृष्ण की, माता देवकी, नन्द बाबा, माता यशोदा की प्रस्तुति ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया। सोहर व बधाई गीत से वातावरण मनमोहक हो उठा। इस अवसर पर दुर्गा देवी मोदनवाल, ऊषा देवी, उमा, आशा, मनोरमा, चिरंजीव लाल, राकेश विश्वकर्मा, रवि शंकर, सुरेश मौर्य, राजेश मोदनवाल, सुरेश गुप्ता, विष्णु मोदनवाल, अजय मोदनवाल आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय