आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। भगवान विष्णु के छठे अवतार, शस्त्र और शास्त्र के पारंगत, सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर भगवान परशुराम की जयंती आजमगढ़ ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में जनपद के विभिन्न ब्राह्मण संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से चन्द्रमा ऋषि आश्रम स्थित परशुराम मंदिर में धूमधाम के साथ मनाई गई। मंदिर में स्थापित भगवान परशुराम की प्रतिमा का वैदिक रीति से पूजन कर ए डी एम प्रशासन अनिल कुमार मिश्र सहित उपस्थित जनों द्वारा माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अखिल भारतवर्षीय ब्राम्हण सभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन और ब्राह्मण कल्याण परिषद के अध्यक्ष पं. ब्रजेश नंदन पाण्डेय ने कहा कि भगवान विष्णु के आवेशावतार, न्याय के देवता भगवान परशुराम के जीवन से हमें अन्याय का प्रतिकार करने की सीख मिलती है! भगवान शिव के अनन्य भक्त परशुराम जी तप, बल और ज्ञान के त्रिवेणी है। उन्होंने त्रेता युग में अत्याचारी सहस्रार्जुन सहित अनेक विधर्मी शासकों का विनाश करते हुए पृथ्वी पर धर्म की स्थापना कर समाज में व्याप्त भय और आतंक को समाप्त किया। महान तपस्वी परशुराम जी को शिवजी ने मृत्युलोक के कल्याणार्थ परशु प्रदान किया था।स वे अजर-अमर है। उनका जीवन समाज के लिए अनुकरणीय है। मंदिर के मंहत श्री बमबम गिरी की देखरेख में पं. सभाजित पाण्डेय के आचार्यत्व में पूजन संपन्न हुआ। समारोह में डॉ दुर्गा प्रसाद द्विवेदी, पं. संजय कुमार पाण्डेय, पं. मनोज कुमार त्रिपाठी, पं. शर्मानंद पाण्डेय, पं. तारकेश्वर उपाध्याय टुनटुन, पं. जयप्रकाश पाण्डेय, पं. विश्वदेव उपाध्याय, पं. अशोक कुमार तिवारी,पं. गोविन्द शास्त्री, पं. तारकेश्वर मिश्र, पं. अभिषेक पाण्डेय, पं. गोविन्द दुबे, पं भागवत तिवारी, सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।
अतरौलिया प्रतिनिधि के अनुसार विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम की मनाई गई जयंती। बता दे की भोराज पुर कला स्थित भाजपा कार्यालय पर युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष लालगंज नीरज तिवारी के नेतृत्व में अक्षय तृतीया पर्व के अवसर पर भगवान विष्णु के छठवें अवतार माने गए भगवान परशुराम की जंयती मनाई गयी। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। नीरज तिवारी ने बताया कि अगर भगवान परशुराम के बारे में बात करे, तो भगवान परशुराम महर्षि जमदग्नि और रेणुका की संतान हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल में हुआ था और ये 8 चिरंजीवी पुरुषों में एक हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम आज भी इस धरती पर मौजूद हैं। परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया पर किया गया दान-पुण्य कभी क्षय नहीं होता। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी। इस मौके पर सुनील तिवारी ,प्रदीप पांडे, देवी प्रसाद पांडे ,मयंक सिंह, विनय पांडे, सतीश तिवारी ,विपिन पाठक आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/आशीष निषाद