आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। भगवान गणेश का जन्मोत्सव (माघी कृष्ण चतुर्थी चंद्रोदय) को बढ़ा गणेश मन्दिर रामघाट लालडिग्गी बांध पर धूमधाम व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।
मन्दिर के महंत राजेश मिश्र ने कहा कि प्रातः 10 बजे से भगवान गणेश का भव्य अभिषेक एवं श्रृंगार आरती के उपरान्त दर्शन-पूजन का कार्य प्रारम्भ हुआ। तैतीस कोटि देवताओं में श्री गणेश का जो महत्व दृष्टिगत होता है, वह सभी से विलक्षण है। किसी भी देव की आराधना के आरम्भ में, किसी भी सत्कर्मानुष्ठान में, किसी भी उत्कृष्ट-से-उत्कृष्ट एवं साधारण से साधारण लौकिक कार्य में भी भगवान गणपति का स्मरण उन विधिवत वन्दन किया जाता है। यह परमश्रेष्ठ भवभयहरण, मंगलकरण, सुभगवरण श्रीविनायक को ही प्राप्त है। श्रीगणेश की असीम महिमा एवं उनके परम दिव्य मंगल-स्वस्य का मधुर वर्णन कुतिस्मृति-पुराण-तन्त्र सूत्रादि ग्रन्थों में विस्तृत रूप से प्रतिपादित है। सोमवार को सुबह से ही भगवान गणेश की पूजा अराधना करने के लिए भक्तो की भीड़ लगी रही भक्त लाइन मेें खड़े होकर अपनी अपनी बारी का इंतजार करते रहे। जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर परिसर में काफी भीड़ रही। मंदिर के पास मेले जैसा माहौल देखने को मिला। इस मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस भी मुस्तैद रही।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार