फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लाक क्षेत्र 89 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त बनाने के उद्देश्य से स्वछ भारत मिशन योजना के तहत ब्यक्तिगत शौचालय के लिए सहयोग राशि दी जा रही है तो प्रत्येक गांव में खासकर गरीब बस्तियों में पांच लाख इकहत्तर हजार रुपये खर्च कर महिला पुरुष शौचालय का निर्माण कराया गया। रख रखाव के लिए स्वयं सहायता समूह के महिला सदस्य को केयर टेकर के रूप में प्रतिमाह 6हजार रुपये मानदेय पर नियुक्ति की गई और रखरखाव विजली पानी के लिए प्रतिमाह तीन हजार रुपया खर्च किया जा रहा है। परंतु इन सबके बावजूद भी सामुदायिक शौचालयों में ताला लटक रहा है।
सामुदायिक शौचालय का निर्माण फूलपुर ब्लाक के 87 ग्राम पंचायत में कराया गया। दो ग्राम पंचायत वजीराबाद मुनव्वरपुर में भूमि उपलब्ध न होने के कारण सामुदायिक शौचालय का निर्माण नहीं हो सका। 87 ग्राम पंचायतों में चार करोड़ छानबे लाख सतहत्तर हजार रुपया खर्च कर सरकार ने खुले में शौच मुक्त गांव बनाने के लिए खर्च किया। परंतु ब्लाक अधिकारियों की शिथिलता के कारण विफल हो रहा है। जब कि प्रतिमाह पांच लाख बाईस हजार मानदेय सरकार द्वारा महिला समूह की सदस्यों को दिया जा रहा है। सुबह पांच बजे से दस बजे तक और शाम चार बजे से आठ बजे तक सामुदायिक शौचालय पर महिला समूह की सदस्य को ताला खोलकर उपस्थित रहना है। पर 75 प्रतिशत सामुदायिक शौचालय पर ताला ही बन्द रहता है। गांव में निरीक्षण के दौरान ग्रामीण कुछ कहने से डरते हैं। खुलकर बोलते भी नहीं। जोमा सुदनीपुर बक्सपुर उद्पुर टेवगा आदि गावांे के निरीक्षण के दौरान सामुदायिक शौचालय पर ताला बंद मिला।
इस सम्बंध में सहायक विकास अधिकारी पंचायत फूलपुर राधेश्याम यादव ने बताया कि सामुदायिक शौचालय संचालित हो रहे हैं। जब वस्तुस्थित और मौके पर उपस्थित रहने की बात बताये जाने पर उनके द्वारा बताया गया कि आप द्वारा संज्ञान में आया है। जांच कराया जाएगा, दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ शिकायती पत्र देकर उच्चाधिकारियो को अवगत कराया जाएगा।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय