फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ऋषि दुर्वासा की तपोभूमि पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रत्येक वर्ष श्रधालुओं का तमसा मंजुसा के संगम पर जमावड़ा होता है। मान्यता के अनुसार संगम में स्नान के बाद तमसा तीरे शिव मन्दिर पर जलाभिषेक कर शिव भगवान को प्रसन्न कर ऋषि दुर्वासा का दर्शन करते है। मन्नते पूरी होने पर महिलाएं कढाई चढाती है। ऋषि दुर्वासा के प्रति लोगो का मत है कि वे जहां क्रोधी थे वहीं दयालु भी। बाबा के शरण में मन्नते पूरी होती हैं।
वैसे बाबा दुर्वासा की तपोस्थली फूलपुर तहसील के मनहर मय चक गजड़ी ग्राम पंचायत में पड़ता है। दुर्वासा गाव में मुख्य मेला लगता है। मेले के आखिरी दिन स्थानीय ग्रामीण मेले में आते है और मेले का आनन्द उठाते हैं। घर गृहस्थी के सामान खरीदकर घरांे को ले जाते हैं। मेले में सुरक्षा की कमान पांच थानों की पुलिस सहित पीएसी कर रही है। नदी के तट पर रस्सी लगाई गई है। स्थानीय समाज सेवी प्रधान लेखपाल ग्राम पंचायत अधिकारी मन्दिर समिति के लोग अपने दायित्यों का निर्वहन कर रहे हैं। सब मिलाकर शान्ति के माहौल में मेला चल रहा है।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय