आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज एवं मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना द्वारा संयुक्त रूप से हरिऔध कला केन्द्र में आयोजित आजमगढ़ साहित्य महोत्सव-2024 का दीप प्रज्ज्वलित कर एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया गया। श्री भवानन्द महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना एवं स्वागत की प्रस्तुति की गयी।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस कला केन्द्र का नाम आजमगढ़ के प्रसिद्ध मनीषी के नाम पर रखा गया है, यह हम लोगों के लिए बहुत ही उपयुक्त भी है कि पहला साहित्यिक महोत्सव एक ऐसे प्रांगण में हो, जो आजमगढ़ की साहित्यिक विरासत को स्पष्ट करता हो। उन्होने कहा कि शासन की भावनाओं को जोड़ते हुए जिला प्रशासन का यह प्रयास था कि जो सांस्कृतिक एवं साहित्यिक विरासत है, उसको एक बार पुनः बाहर निकाला जाय और विशेष रूप से जो युवा पीढ़ी हैं, उनको इसके साथ जोड़ा जाय। उन्होने कहा कि कार्यक्रम के अन्तर्गत पुस्तकालयों का कैसे उन्नयन करें और इस डिजिटल युग में साहित्य का क्या स्थान होगा, कैसे हम अपनी पुरानी कृतियों को डिजिटाइज करके उन्हें संरक्षित करेंगे। उन्होने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि यह हमारे कैलेण्डर का एक फिक्स इवेन्ट हो, जिससे हर साल इसको हम करायें, जो राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाय और सुना जाय।
इसी के साथ ही जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जनपद के प्रमुख साहित्यकारों, कवियों, लेखकों डॉ.राजाराम सिंह, डॉ.कन्हैया सिंह, मुधकर अस्थाना, इं.रामनयन शर्मा, डॉ.द्विज राम यादव, डॉ.प्रवेश सिंह, डॉ.ईश्वरचन्द त्रिपाठी, प्रो.गीता सिंह, प्रो. वेद प्रकाश उपाध्याय, जन्मेजय पाठक, डॉ.शशिभूषण ‘प्रशान्त’, हरिहर पाठक, डॉ.मोनिका शर्मा, डॉ.जगदम्बा प्रसाद दूबे, प्रो.मदन मोहन पाण्डेय, डॉ.पंकज सिंह, डॉ.आशा सिंह, डॉ.प्रतिभा सिंह, मैकश आजमी, डॉ.विनम्र सिंह, विजयेन्द्र प्रताप श्रीवास्तव एवं स्व.पारस नाथ गोवर्धन, स्व.राम प्रकाश शुक्ल निर्मोही के परिजन को अंगवस्त्र एवं मोमेण्टो देकर सम्मानित किया गया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार