आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के तत्वाधान में जिला कारागार में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस प्रतिवर्ष 9 नवम्बर को मनाया जाता है, यह दिन न्याय तक समान पहुंच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने पर जोर देता है। कानूनी सेवा दिवस का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को न्याय व कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। आज भी समाज में कई ऐसे वर्ग हैं, जिनके लिए कानूनी प्रक्रिया को समझना और न्याय तक पहुंचना कठिन है। ऐसे में कानूनी सेवा दिवस एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे गरीब वंचित व अशिक्षित नागरिक कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं।
कानूनी सेवा दिवस की शुरूआत भारत में 1995 में की गयी थी, इस दिवस के आयोजन पर विशेषकर गरीब व पिछड़े वर्गों को समान व सस्ती कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती है। कानूनी सेवा दिवस भारत के हर नागरिक को न्याय व समानता का अधिकार दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे देश में एक न्यायपूर्ण और सशक्त समाज का निर्माण हो सके। कानूनी सेवा दिवस के अवसर पर जिला कारागार में निरूद्ध बंदियों को विभिन्न कानूनों, हेल्पलाइन नम्बर, प्रिजन लीगल एड क्लीनिक, लीगल सर्विस मैनेजमेंट पोर्टल, जेल अपील, बंदियों की समय पूर्व रिहाई इत्यादि के बारें में जागरूक किया गया।
इस अवसर पर जेलर विकास कटियार, डिप्टी जेलर विरेश्वर कुमार, मुख्य न्याय रक्षक आशीष कुमार राय, उपमुख्य न्याय रक्षक प्रवीण कुमार सिंह, सहायक न्याय रक्षक अतुल कुमार राय, यादव संदीप कुमार तथा जेल में कार्यरत पीएलवी व बंदी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार