आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सीपीएम, सीपीआई (माले) के कार्यकर्ताओं ने मणिपुर की हिंसा के खिलाफ मणिपुर एकजुटता दिवस और जनता के बीच भाईचारा कायम करने तथा वामपंथी महिला नेताओं पर झूठे मुकदमे की वापसी को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रतिवाद मार्च करते हुये राष्ट्रपति को संबोधित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया।
वामपंथी दलों के कार्यकर्ता कुंवर सिंह उद्यान में एकजुट हुये। हाथों में सरकार की नाकामियों, जनविरोधी नीतियों की तख्तियां लेकर जुलूस कुंवर सिंह उद्यान से एसपी कार्यालय के रास्ते नेहरूहाल होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। भाकपा जिला सचिव जितेंद्रहरि पांडेय ने कहा कि मणिपुर में हिंसा और उस पर लगातार प्रधानमंत्री की खामोशी दर्शाती है कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार कानून व्यवस्था का राज कायम करने में फेल है। सीपीएम के जिलामंत्री का.रामजनम यादव ने कहा कि मणिपुर में जिस तरह दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न कर अपमानित किया गया उससे देशभक्त नागरिक शर्मसार हैं। भाकपा माले के जिला प्रभारी का.विनोद सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति को ज्ञापन में मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने, म्यांमार की सीमा में घुसपैठ रोकने, आरक्षित भूमि पर अफीम की खेती बंद करने, जिन व्यक्तियों के पास गैर कानूनी हथियार हैं उन्हें शस्त्र विहीन करने, पीड़ितों को मुआवजे का स्पेशल पैकेज देने, मणिपुर के राजमार्गों को खोलने, भारतीय महिला फेडरेशन की नेता एनी राजा और निशा सिद्धू के खिलाफ दायर हास्यास्पद मुकदमा वापस करने जैसी बातें कही गयी हैं।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार