रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। क्षेत्र के अवंतिकापुरी आवंक में चल रही रामलीला मंचन में विवाह के लिए आई सूर्पणखा की क्रोध में लक्ष्मण नाक काट लेते हैं। देर रात तक लोग मंचन में गोता लगाते रहे। पडांल गुंजायमान रहा। पांच दिनो से चल रही रामलीला मंचन में लोग देर रात तक जमे रहे।
लीलामंचन में भरत राम से वन से अयोध्या वापस आने की गुहार लगाते हैं लेकिन श्रीराम पिता के वचनो और नीतियों को बताते हुए सभी को समझाकर अयोध्या वापस भेज देते हैं। भरत के साथ सभी माताएं और गुरु भी वापस लौट जाते हैं। अयोध्या में भरत नगर से बाहर कुटी बनाकर श्रीराम के लाये गये खडाऊं रख कर राजपाट चलाते हैं। इधर वन में कुटिया बनाकर रह रहे राम सीता लक्ष्मण को देख विचरण कर रही रावण की बहन सूर्पणखा मोहित हो जाती है और भेष बदलकर राम से विवाह का प्रस्ताव रखती है। श्रीराम कहते है मैं विवाहित हूं और साथ मेरी भार्या भी है। मैं द्वितीय विवाह नहीं कर सकता। तुम लक्षमण के पास चली जाओ। लक्षमण भी विवाह से इंकार कर देते है। श्रीराम सूर्पणखा के रुप बदलने को पहचान लेते हैं। इधर सूर्पणखा अपने रुप मंे आकर हमला करना चाहती है जिस पर लक्ष्मण उसकी नाक काट लेते हैं। वह रोती हुई रावण के पास जाती है। इस दौरान मुखराम गुप्ता, अरुण विश्वकर्मा, जीयालाल, श्याम नारायण, संतोष आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा