बाबा विश्वनाथ के बाद मां श्रृंगार गौरी का भी बनना चाहिए भव्य मंदिर
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी परिसर स्थित माँ श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर दाखिल याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अजय कुमार को वकील कमिश्नर नियुक्त किया है। आदलत के इस फैसले का स्वागत करते हुए वैष्णव मठ के स्वामी संपत कुमाराचार्य ने कहा है कि यह निर्देश बहुत पहले ही दे देना चाहिए था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन के लिए कई दशकों से अभियान चलाया जा रहा है। इस मामले में वकील कमिश्नर की कार्यवाही रंग लाएगी। मां श्रृंगार गौरी और बाबा विश्वनाथ पर हमें पूर्ण विश्वास है। वहीं, अदालत ने प्रार्थनापत्र के प्रकाश में दोनों पक्षकारों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराने और जरूरत पड़ने पर पुलिस बल उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया।
अगली सुनवाई 20 अप्रैल को
बता दें, साथ ही सुनवाई की अगली तारीख 20 अप्रैल नियत कर दी। अदालत में राखी सिंह व अन्य की तरफ से वाद दाखिल कर श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन के साथ 1993 के पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग की गई है। यह भी अनुरोध किया गया कि ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी और आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रह की यथास्थिति रखी जाए और वकील कमिश्नर की वर्तमान स्थिति के बाबत रिपोर्ट मंगा ली जाए। अदालत ने वकील कमिश्नर नियुक्त करते हुए रिपोर्ट तलब की है। इस मामले विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट, डीएम, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजमिया मस्जिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है। वादी पक्ष की ओर से मदनमोहन, सुभाषनंदन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी ने पक्ष रखा।