लालू यादव का चारा घोटाला, तब और अब…

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वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। लालू यादव को लेकर एक बार फिर मामला गर्म हो गया है। रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने राजद प्रमुख लालू यादव को चारा घोटाले में एक बार फिर सजा सुनाई है। इस मामले में अन्य 36 लोगों को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है। हालांकि डोरंडा केस में आरोपी लालू यादव को 21 फरवरी को सजा सुनाने पर विचार चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लालू यादव कुछ दिनों से काफी अस्वस्थ चल रहे हैं। उनके वकील ने एक बड़े हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती करने के लिए आवेदन भी दिया है। याद रहे यह केस डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये अवैध निकासी से जुड़ा है। मामला 1990-1992 में हुआ था।

बतादें, इस घोटाले में चौंकाने वाली बात इसी से सिद्ध हो जाती है कि पशुओं को मोटरसाइकिल पर लादकर ले जाने की बात लिखी गई है। तत्कालीन अफसरों और नेताओं ने इस मामले को लेकर अपनी नई कहानी लिख दी है। कहानी के मुताबिक हरियाणा और दिल्ली से साँड़ों को स्कूटर से रांची ले जाया गया है। सीबीआई के जांच में यह बात सामने आई कि पशुओं को खाने वाली चीजों की ढुलाई स्कूटर से हो रही थी। वाहनों के नंबर स्कूटर, मोपेड और मोटरसाइकिल के हैं। दो लाख 35 हजार में 50 साड़, 14 लाख चार हजार में 163 सांड़ और 165 बछिया खरीदे गए। हैरतअंगेज बात यह भी रही कि दिल्ली की मुर्रा लाइव स्टॉक कंपनी के मालिक विजय मलिक ने क्रॉस ब्रीड की बछिया और भैंस के लिए 84 लाख का भुगतान किया था। वहीं हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी के आपूर्तिकर्ता संदीप मलिक ने भी भेड़ और बकरी के लिए करीब 27 लाख का भुगतान किया है।

सीबीआई के अनुसार इस बड़े मामले में राज्य की कई बड़े नेता, व्यापारी और अन्य दिग्गज लोग भी शामिल हैं। यह मामला उस समय और भी हैरतअंगेज बन गया था जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के साथ अन्य बड़े मंत्री गिरफ्तार हुए थे। 2012 में 17 मई को इस मामले ने नया मोड़ ले लिया था। लालू यादव पर सितंबर 1995 और जनवरी 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से सवा लगभग तीन करोड़ के घोटाले का मामला साबित हो गया था।

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