आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता
लालबिहारी मृतक का 29वां पुनर्जन्म दिवस शुक्रवार को मिठाई बांटकर मनाया गया।
मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता लालबिहारी मृतक ने बताया कि 47 वर्षो से सरकारी विभागों के धोखा-धड़ी अन्याय भ्रष्टाचार घूसखोरी जीवित को मृत घोषित करने दूसरों की जमीनों मकानों को हड़पने शोषण उत्पीड़न के विरुद्ध सरकार व जनता को निरंतर अवगत कराया जा रहा है लेकिन अधिकारियों कर्मचारियों नेता मंत्रियों जन प्रतिनिधियों मानसिक मुर्दो के कानों तक जूं नहीं रेंगता है अपने अधिकारों कर्तब्यों मानवता न्याय से निष्क्रि होकर पदों का दुरुपयोंग कर इंसाफ का गला घोटकर जनता को बर्बाद कर गुलाम बना कूटनीति की राजनीति कर रहे हैं। उन्होने बताया कि न्यायलय नायब तहसीलदार तहसील सदर मुकदमा नं. 298 के अन्तर्गत जीवित रहते हुए लालबिहारी को मृत घोषित कर दिया गया था। मान सम्मान मौलिक अधिकारों के लिए 18 वर्षो तक संघर्ष करने के बाद 30 जून 1994 को मुख्य राजस्व अधिकारी व जिलाधिकारी ने प्रशासनी आदेश देकर भू राजस्व अभिलेखों में पुनः जिन्दा कर दिया गया लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों ने शासन प्रशासन की मिली भगत से सरकारी दोनों फाइलों को गायब करके सारे साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास किया आख्या रिपोर्ट में अधिकारियों ने दिया है कि लालबिहारी मृतक की वास्तविक मृत्यु नहीं हुई है। उन्होने बताया कि क्या वास्तविक मृत होने के बाद कोई मुर्दा कब्रिस्तान से प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय कार्यालय तक दौडकर न्याय मांग सकता है। जिन्दा से मुर्दा और मुर्दा से जिन्दा की दोनों फाइलों को गायब करने वालों के विरुद्ध शासन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। अपने 29वां मृतक पुनर्जन्म दिवस पर लालबिहारी मृतक ने कहा कि वह सामाजिक न्याय मानव अधिकारों की रक्षा जीविकोपार्जन जीवन रक्षा संविधान व न्यायालय क सम्मान में मौलिक अधिकारों हेतु अहिंसा पूर्वक विचारों की क्रान्ति अनोखे संघर्षो से जनता को जन आन्दोलन करने की अपील की।
रिपोर्ट- प्रमोद यादव