पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती यह कहावत आजमगढ़ के एक गरीब परिवार का लड़का प्रवेश मौर्या ने सिद्ध कर दिखाया। यह लड़का पेसे से ऑटो इलेक्ट्रिक मैकेनिक है। लेकिन आदमी का उत्साह उस को आगे बढ़ाने में बहुत मदद करता है। इस बच्चे में बहुत चाहत थी की एक हमारे पास फोर व्हीलर गाड़ी हो जाए लेकिन पैसे के अभाव में यह अपने मन की इच्छा नहीं पूरी कर पाया। मन की बात मन में ही रह गई।
लेकिन सोचते-सोचते एक दिन उसके दिमाग में आया कि क्यों नहीं मैं अपने हाथ से ही जैसे महिंद्रा कंपनी की थार गाड़ी आ रही है उसी तरह से एक थार गाड़ी का खुद निर्माण करूं। फिर क्या था वह दिल और दिमाग से उस काम में लग गया और अपने साथी, दोस्तों, रिश्तेदारों से कुछ पैसे कर्ज लेकर उसने इस थार गाड़ी का अपने हाथों निर्माण शुरू किया और लगभग 6 महीने के अंतराल में इस गाड़ी को दिखने में थार जैसी बिना पेट्रोल डीजल के बनाकर सड़क पर सरपट दौड़ाने लगा। यह देख कर हर किसी की आंखें फटी की फटी रह गई। लोग हैरत में हो गए कि यहां गांव देहात में ऐसी ऐसी प्रतिभाएं छुपी हुई है जिसको कोई समझ नहीं पा रहा था। काश ऐसे बच्चों को अगर सरकार का सपोर्ट मिल जाता तो यह बच्चे क्या से क्या बना देते हैं। यह प्रतिभा कहीं बहुत दूर नहीं बल्कि आजमगढ़ जनपद के भंवरनाथ के पास स्थित बिजौरा गांव निवासी प्रवेश मौर्य है। उससे बात करने पर पता चला कि इस थार गाड़ी में लिथियम बैटरी प्रयोग की गई है जिसको मात्र 4 से 5 घंटे चार्ज करने पर यह गाड़ी लगभग 100 किलोमीटर 40 से 45 की स्पीड से चलती है। यह 4 सीटर है इस पर 4 लोग आसानी से बैठ सकते हैं। इस गाड़ी को बनाने में 2 लाख रुपए खर्च हुए। प्रवेश मौर्या का कहना है कि मैं भविष्य में इस गाड़ी का ऐसा सिस्टम बनाऊंगा कि ये खेतों में जोताई का भी काम करेगी। उसके परिवार में खुशी का माहौल है। यह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
रिपोर्ट-बबलू राय