फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील मुख्यालय से सात किमी दूर स्थित महर्षि दुर्वासा की तपोस्थली दुर्वासा धाम पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना कर अपने और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। मेले में लोगों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीदारी किया। मेला परिसर में जरूरत के सामानों के साथ ही मनोरंज की भी व्यवस्था है। पुलिस प्रशासन मेला सकुशल संपन्न कराने के लिए लगा रहा।
इस पौराणिक स्थली पर महर्षि दुर्वासा ने 88 हजार ऋषियों के साथ कठोर तपस्या की थी। लगभग सात हजार साल तक चली कठोर तपस्या के बाद भगवान शिवजी प्रकट हुए थे। उनकी इसी तपोस्थली पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारों श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचे। महिलाओं और बच्चों ने अपनी जरूरत के सामानों की खरीदारी किया। बच्चों और युवाओं के लिए मेला में लगाये गए झूले आकर्षण का केंद्र बने रहे। वहीं घरेलू समानों की जमकर खरीदारी भी हुई। गुब्बारे, चोटहिया जलेबी, पिपिहिरी, हाथा, फावड़ा, कुदार, श्रृंगार की वस्तुओं की भी खरीददारी हुई। तमसा मंजूषा के संगम पर महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्था का अभाव दिखाई दिया। श्रद्धालुओं द्वारा महर्षि दुर्वासा और शिवजी के दर्शन पूजन किए गए। मंदिरों में बज रहे घंटा घड़ियाल और भक्ति गीतों से पूरा परिसर भक्तिमय हो गया।
सुरक्षा की दृष्टि से मेला परिसर से दो किमी पहले ही पुलिस प्रशासन द्वारा वाहनों को रोका गया। फूलपुर कोतवाल सच्चिदानंद पूरी टीम के साथ मेले की सुरक्षा में लगे रहे। उनके द्वारा लगातार एलाउंस किया जा रहा था कि नदी में तैरने का प्रयास न किया जाए। उन्होंने श्रद्धालुओं से जेबकतरों से सावधान रहने की अपील भी की। सुरक्षा की दृष्टि से अहरौला, फूलपुर, सरायमीर की पुलिस के साथ ही पीएसी बल तैनात किया गया है।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय