आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। क्रांतिवीर सेनानी चंद्रशेखर आजाद के 119वीं जयंती के मौके पर नगर के हर्रा की चुंगी स्थित उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण सभा ने श्रद्धासुमन अर्पित किया और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की।
राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने कहाकि चन्द्रशेखर आजाद की आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका रही। उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पहली बार ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। जब उनसे नाम पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि नाम आजाद, पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल, यहीं से उन्हें “आजाद” नाम मिला। इसी के बाद उन्होंने युवा क्रांतिकारियों की टीम तैयार किया जिसमें भगत सिंह भी शामिल थे। 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में जब वे पुलिस से घिर गए तो उन्होंने खुद को गोली मार ली। उन्होंने कसम खाई थी कि अंग्रेज उन्हें जिंदा नहीं पकड़ सकेंगे। उनको आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद करती रहेंगी और नमन करती रहेंगी। ऐसे क्रांतिकारी जज्बे के मां भारती के अमर सपूतों ने सदैव हमें जीवन को एक नया आयाम तक पहुंचाने की प्रेरणा दी है। समारोह को प्रदेश अध्यक्ष शर्मानंद पांडेय, समाजसेवी गोविन्द दुबे ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर कन्हैया पांडेय, अवनीश पांडेय, श्रीराम मिश्रा, संजय दूबे, अमित दुबे, गणेश पांडेय, सुजीत मिश्रा, पद्माकर पाठक, अरविन्द पांडेय, सत्यप्रकाश पांडेय, जयराम आदि मौजूद रहे। संचालन जिलाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने किया।
इसी क्रम में ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के तत्वावधान में बुधवार को तिलक एवं आजाद जयंती मनाई गयी। हर्रा की चुंगी स्थित अमर शहीद पं. चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ साथ प्रतिमा पर लगवाई गई छतरी का अनावरण किया गया। इस मौके पर कैलाश नाथ चतुर्वेदी, ब्रजेश नन्दन पाण्डेय, मनोज कुमार त्रिपाठी, विश्वदेव उपाध्याय, सतीश मिश्र, गिरीश चतुर्वेदी, राम कवल चतुर्वेदी, गोविंद दुबे,उपेंद्र दत्त शुक्ला, राजन पाण्डेय, निशीथ रंजन तिवारी, घनश्याम उपाध्याय, प्रवेश दीक्षित, आर्या कांत मिश्रा, हेमन्त पाण्डेय, सुधाकर उपाध्याय, तारकेश्वर मिश्रा, आनन्द उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार