पुलिस की चंगुल से दूर अपहरणकर्ता

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मुबारकपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैये का असर भले ही प्रदेश के अन्य जिलों में दिखाई दे रहा हो, लेकिन मुबारकपुर थाना क्षेत्र इस असर से अछूता प्रतीत होता है। यहां अपराधी बेलगाम हैं और पुलिस की लापरवाही के चलते दिनदहाड़े संगीन वारदातों को अंजाम देकर खुलेआम घूम रहे हैं।

मुबारकपुर थाना क्षेत्र के नूरपुर सराय हाजी गांव निवासी विनोद शर्मा ने आरोप लगाया है कि 15 मई को उनके नाबालिग पुत्र का अपहरण एक लाइब्रेरी से बुलाकर कर लिया गया। परिजनों ने तत्काल स्थानीय थाने को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अगले दिन 16 मई की सुबह लड़का अर्धमृत अवस्था में गजहाड़ा क्षेत्र से बरामद हुआ। बावजूद इसके पुलिस ने टालमटोल करते हुए प्राथमिकी दर्ज नहीं की। बाद में 28 मई को पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई, तब जाकर 9 जून को संबंधित धाराओं 140(2), 3(5), 115(2), 131, 352(3) बीएनएस तथा 3/4 पाक्सो अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
परिजनों का आरोप है कि मुख्य आरोपी राजन पुत्र ललसू न केवल मोबाइल छीनकर सबूत नष्ट कर रहा है, बल्कि कंप्यूटर के जरिए फर्जी दस्तावेज बनाकर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने स्वयं को बचाने के लिए एक 18 वर्षीय युवती से जुड़ी मनगढ़ंत कहानी बनाकर 16 मई की घटना को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, जिससे जांच को भटकाया जा सके। जबकि सच्चाई यह है कि 15 मई की शाम 5ः30 बजे अपहरण और दुष्कर्म की घटना घटित हुई और 16 मई की सुबह 6ः30 बजे बालक घटनास्थल से बरामद हुआ, जो आज भी लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
घटना के दो महीने बीत जाने के बाद भी न तो पीड़ित का मोबाइल बरामद हुआ, न ही मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी हो सकी है। इस तरह की घटनाओं से आमजन में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है और पीड़ित परिवार भय और दहशत के साए में जीवन व्यतीत कर रहा है।
रिपोर्ट-मनीष श्रीवास्तव

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