बीएचयू से किडनैप हुए व्यापारी की चुनार में हत्या

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20 लाख की फिरौती के लिए दिया घटना को अंजाम

कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से वाराणसी पुलिस ने महिला समेत पांच लोगों को किया गिरफ्तार

वाराणसी। बीएचयू से सोमवार की शाम किडनैप हुए कपड़ा व्यापारी महमूद आलम की हत्या मीरजापुर के चुनार में हत्या कर दी गई। हत्यारों ने लाश को पुल से गंगा में फेंक दिया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक महिला भी शामिल है। महिला के साथ इस घटना में उसका पति, ससुर, देवर और घोसी (मऊ) का एक साथी भी था। इन आरोपियों ने बीमा पॉलिसी दिलाने के जाल में पहले महमूद को फंसाया। रविवार को व्यापारी के एटीएम से दो लाख रुपए निकलवा लिए थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लाख 37 हजार रुपये, एक्सयूवी कार, ब्रांडेड घड़ी, पासपोर्ट, आईसीआईसीआई बैंक के डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, ब्लैंक चेक और डेटा केबल सहित हत्या में उपयोग किया गया दुपट्टा बरामद किया है।

अभी तक नहीं मिली है लाश

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक प्राइवेट बैंक का एजेंट बनकर कारोबारी को बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर से किडनैप किया था। उनकी 20 लाख रुपये फिरौती वसूलने की प्लानिंग थी। पैसा न मिलने पर उन्होंने चुनार के पुल पर पहले महमूद का गला दुपट्टे और डाटा केबल से कसकर मार डाला। फिर शव को पुल से गंगा में फेंक दिया। दरअसल, 14 जनवरी से कारोबारी महमूद बीएचयू से अचानक लापता हो गए थे। उनके बेटे ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने बीएचयू के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला, तो महमूद और महिला समेत पांचों आरोपियों की पहचान हुई। इसके बाद पुलिस ने पहले दो आरोपियों को पकड़ा। फिर अंजलि को भी हिरासत में ले लिया। इसके बाद बाकी बचे दोनों आरोपियों को भी पकड़ लिया। फिलहाल, अभी तक पुलिस को कारोबारी की लाश नहीं मिली है।

बीमा एजेंट बनकर अंजलि ने महमूद से बढ़ाई थीं नजदीकियां

मामले की जानकारी देते हुए जिले के एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि आरोपी प्रवीण पहले शाइन सिटी से जुड़ा था। मगर, कंपनी के भागने के बाद चौक में साड़ी का काम करने लगा। पुलिस ने बताया कि चार आरोपी एक ही परिवार के हैं। वहीं प्रवीण और अनिरुद्ध दोस्त हैं। प्रवीण जब नौकरी छोड़ कर चौक पर एक साड़ी की दुकान में काम करने लगा तो महमूद आलम से उसकी दोस्ती बढ़ी। उसने अमीर समझकर महमूद की किडनैपिंग का प्लान बनाया। उसने अनिरुद्ध को अपने साथ मिलाया। इसके बाद अनिरुद्ध की पत्नी अंजलि, पिता और छोटा भाई भी साथ आ गए। योजना के तहत अंजलि ने बीमा एजेंट बनकर पहले महमूद से नजदीकियां बढ़ाई।

माँगी थी 20 लाख की फिरौती

इसके बाद अंजलि और महमूद के बीच फोन कॉल और वॉट्सएप कॉल भी होने लगे। इसके बाद अंजलि ने 13 जनवरी को दालमंडी बाजार से नया फोन खरीदा। 14 जनवरी को अंजलि, प्रवीण और अनिरुद्ध कैंट रोडवेज बस स्टैंड पर मिले। इन लोगों ने वहां से एक नया सिम खरीदा। इसके बाद अंजलि ने उसी नए नंबर से महमूद को फोन लगाया। बात होने पर महमूद ने अपने बीएचयू में होने की बात कही। उसके बाद अंजलि ने महमूद को बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर के बाहर मिलने को कहा। थोड़ी देर बाद महमूद स्कूटी से मंदिर पहुंच गए। इसके बाद अंजलि ने उन्हें अपनी एक्सयूवी कार में बैठा लिया। थोड़ी देर में बाकी आरोपी भी कार में सवार हो गए और महमूद को किडनैप कर लिया गया। फिर कार जौनपुर रोड पर दौड़ने लगी। इसी बीच रास्ते में इन लोगों ने 20 लाख फिरौती मांगी गई। जब महमूद ने इतना पैसा न होने की बात कही, तो आठ लाख रुपए मांगे गए। दबाव बनाने पर कारोबारी महमूद के बैंक अकाउंट से दो लाख रुपये निकाले गए। ये पैसे बाबतपुर और रामनगर के एटीएम से निकाले गए। इसके बाद में डर के मारे आरोपियों ने महमूद की गला घोंटकर हत्या कर दी।

बेटे फैजान ने लगाई थी गुहार

घटना के बाबत भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे ने कहा कि कारोबारी महमूद का शव अभी नहीं मिला है। पुलिस को लिखाए गए मुकदमे में महमूद के बेटे फैजान कहा था कि मेरे अब्बू रविवार को दोपहर 2.45 बजे सफेद एक्टिवा स्कूटी से निकले थे। शाम को छह बजकर 17 मिनट पर उन्होंने अपने मोबाइल से मेरे नंबर पर फोन करके कहा कि ‘मैं बहुत मुसीबत में फंस गया हूँ। तुम लोग आठ लाख रुपये का जल्दी से इंतजाम कर दो। जल्दी करो, मैं कुछ देर बाद फिर से फोन करूँगा।’ भेलूपुर पुलिस ने महमूद आलम की कॉल डिटेल खंगाली, तो पता चला कि उसने रविवार को दो-तीन लोगों से बात की है। जिन लोगों से बात हुई, उन सबसे पुलिस ने पूछताछ की। इसमें एक महिला का भी फोन नंबर था। उस महिला से भी पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस कारोबार और रुपए के लेनदेन समेत अन्य पहलुओं पर तफ्तीश की थी।

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