बिलरियागंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। क्षेत्र के भैसहा गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन अयोध्या धाम से हरिनारायण आचार्य ने भक्तों को प्रभु की भक्ति के साथ उसका माध्यम भी बताया। कहा कि प्रभु का दीदार रोज नाम जपने के साथ दिल में प्रेम का आईना रखने से होता है। दिन भर नाम जपें और उसके बाद प्रभु के प्रति दिल में प्रेम न रहे तो सब बेकार है। प्रभु के दर्शन के लिए दिल में प्रेम का आईना रखने की जरूरत है। मिथिलेश मिश्र द्वारा पांच नवंबर से आयोजित कथा में आचार्य ने श्रीकृष्ण लीला का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि जब धरती पर कंस जैसे अत्याचरियो का पाप बढ़ जाता है तो भगवान नारायण स्वयं धरती पर अवतरित होकर अत्याचारियो का संहार करते हैं। धन्य हैं माता देवकी और वासुदेव जिन्हें स्वयं श्रीकृष्ण के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, तो उनसे भी धन्य माता यशोदा हैं, जिन्हें प्रभु की बाल लीलाओ का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जिस प्रभु को देखने के लिए बड़े-बड़े सिद्ध पुरुष, देवता और गंधर्व भी लालायित रहते थे उस प्रभु को अपने हाथों से भोजन कराने का सौभाग्य माता यशोदा को ही प्राप्त हुआ और उन्होंने अनजाने में मां का धर्म भी निभाया। कहा कि अगर इस कलिकाल में मनुष्य भागवत कथा का पूरी तरह श्रवण करता रहे तो उसे हर संकटो से मुक्ति के साथ बैकुंठ धाम की प्राप्ति होगी। इस दौरान नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर भाजपा नेता सत्येंद्र राय, प्रधान हरीश पाठक के अलावा शैलेंद्र तिवारी, अखिलेश मिश्र, शशिकांत मिश्र, दीपक मिश्र, नमित पांडेय, दुर्गेश द्विवेदी, संजीव मिश्र, गुड्डू दुबे, पंकज दुबे, नवनीत मिश्र, राघवेंद्र मिश्र आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-तारकेश्वर मिश्र