मेंहनगर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के गौरा गांव में संगीतमयी श्रीराम कथा में प्रवचन के सातवें दिन कथा से पूर्व गाजीपुर से पधारे प्रसिद्ध भजन गायक निर्भय गाजीपुरी, सुनिल और शमशेर ने मनहोहक भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को देर रात्रि तक आनंदित किया। वहीं प्रवचन करते हुए पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने कहा कि रामकथा कलि ग्रसित समाज को सन्मार्ग पर लाने की प्रेरणा प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता का ज्वलंत उदाहरण श्रीराम चरित मानस में देखने को मिलता है। कहा मनुष्य यदि सद् आचरण कर रहा है तो मानो वह अवध में निवास कर रहा है और यदि कुप्रबृत्ति में लिप्त है तो समझो लंका में है। जिस समय हनुमान ने लंका में प्रवेश किया और भक्त विभीषण से भेंट हुई उस समय हनुमान ने विचार किया कि विषम परिस्थितियों में जो धर्म का पालन करे, वही संत है। रावण जैसे दुर्दांत के राज्य में रह कर भी विभीषण राम नाम का जप किया करते थे। यदि मनुष्य अपना विश्वास दृढ़ रखे तो प्रतिकूलता में अनुकूलता का दर्शन संभव है। कथा के पश्चात आचार्य रामाशीष तिवारी द्वारा हवन का कार्य सम्पन्न कराया गया। हवन के उपरान्त विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जहां हजारों श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया।
रिपोर्ट-धीरज तिवारी