गरीबों, शोषितों और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित था कलाम का जीवन

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कांग्रेस कार्यालय पर निवर्तमान शहर अध्यक्ष मोहम्मद नजम शमीम की अध्यक्षता में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की पुण्यतिथि मनायी गयी। सभी ने उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और दुआएं मगफ़िरत की। वक्ताओं ने कहा कि वह एक महान नेता, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सेवक थे। उन्होंने अपना जीवन गरीबों, शोषितों और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था।
उनका जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का सऊदी अरब में हुआ था। वह एक प्रसिद्ध शिक्षाविद्, इस्लामी धर्मशास्त्री और प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करना और शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठाना शामिल हैं। उनकी ईमानदारी और सादगी के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया और हमेशा गरीबों और शोषितों के हितों की लड़ाई लड़ी। आजादी के बाद, मौलाना आज़ाद ने भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में पदभार संभाला। उन्हें राष्ट्रीय विकास में उनके योगदान के लिए 1992 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मिर्ज़ा बरकत उल्लाह बेग, शाहिद ख़ान, संदीप कपूर, बेलाल अहमद, रेयाज़ुल हसन, मुशीर अहमद, अहमर बेग, समीर अहमद, अबसार अहमद, शेरू खान, अजय सेठ, अंकित मौर्य, तुफेल अहमद, लियाकत खान आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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