दीदारगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरायमीर के पास खानपुर स्थित जयगुरुदेव आश्रम में पांच जून को आयोजित वार्षिक सत्संग की तैयारियां अंतित चरण में चल रही है। मंच बनाने व अन्य काम के लिए जयगुरुदेव के सेवादार दूर-दूर से पहुंचने लगे हैं।
कुटी, पंडाल, मंच का निर्माण प्रगति पर है। सोमवार को प्रातःकालीन सत्संग में राष्ट्रीय उपदेशक सतीश चन्द्र महाराज ने बाबा जयगुरुदेव के सन्देशों का स्मरण कराते हुए कहा मानव शरीर परमात्मा का बनाया हुआ चेतन मन्दिर है। इसमें जीवात्मा बैठी है, जो खुदा का नूर, परमात्मा का अंश है। शरीर किराए का मकान है। इसे परमात्मा को जीते जी पाने के लिए दिया गया है। कलियुग में सन्त, फकीरों ने ईश्वा प्राप्ति का सरल रास्ता बताया। सूरत-शब्द योग नाम-योग का गृहस्थ आश्रम में रहकर किया जा सकता है। शरीर में विराजमान आत्मा में उस प्रभु और उसकी अभौतिक रचना को देखने और सुनने के लिये सबके पास दिव्य आंखें, कान है। जब आप इस साधना को करेंगे तो आप की दिब्य दृष्टि, दिव्य कान खुल जाएंगे और जीवन धन्य हो जाएगा। पांच जून को महात्मा पंकज जी महाराज का दर्शन, सत्संग का लाभ प्राप्त होगा।
रिपोर्ट-सुबास लाल