तकनीकी विकास में नैतिकता को याद रखना जरूरी-सौम्य सेन

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दयानन्द आंग्ल-वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय आजमगढ़ में महान क्रन्तिकारी, आज़ाद हिन्द फ़ौज के संस्थापक, अमर शहीद नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जायन्ति पर, नैतिक मूल्यों का महत्व विषय पर एक दिवसीय वेबिनार गुरुवार की देर शाम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दयानन्द आंग्ल-वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय आजमगढ़ के संस्कृत विभाग के आचार्य डा. गणेश शंकर पांडेय ने शोध, शिक्षा एवं संस्थान विकास में नैतिक मूल्यों का महत्व’ विषय पर अपना विचार रखा। नैतिक मूल्य क्या हैं और समाज में उनका महत्व क्यों है, व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में नैतिक मूल्यों का विकास और संवर्धन कैसे कर सकते हैं, शिक्षा और चरित्र विकास में नैतिक मूल्य क्या भूमिका निभाते हैं आदि गहन एवं गम्भीर विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
महाविद्यालय के आई. क्यू. ए. सी. के समन्वयक एवं इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सौम्य सेनगुप्ता इस कार्यक्रम के संयोजक थे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि आधुनिक समय में नैतिक मूल्यों का महत्व और बढ़ गया है, क्योंकि तकनीकी विकास के दौर में नैतिकता की बात को हमेशा याद रखना जरूरी है। उन्होंने शिक्षकों को उच्च नैतिक मापदंड स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया, उन्होंने बताया कि शिक्षकों को अपने साथ-साथ छात्र-छात्राओं में भी जवाबदेही की नीति को उनके व्यवहार में डालना चाहिए, क्योंकि व्यक्तिगत नैतिकता ही समूह नैतिकता की ओर अग्रसर होती है। जिससे संस्थान के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। इस दौरान महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यशाला के आयोजक ने सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के उपरांत धन्यवाद ज्ञापित किया।
रिपोर्ट-दीपू खरवार

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