आजमगढ़। सगड़ी तहसील में बैनामा के बाद 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी बाढ़ खण्ड की जमीन का खारिज दाखिल नहीं हो सका, इसे तहसील प्रशासन की लापरवाही कहें या कुछ और जिसके चलते अभी तक उक्त भूमि का खारिज दाखिल नहीं हो सका। खारिज दाखिल कराने के लिए सींचपाल आये दिन तहसील का चक्कर लगाने को विवश है।
सगड़ी तहसील क्षेत्र के घाघरा नदी के किनारे महुला-गढ़वल बांध पर वर्ष 2003 में घाघरा नदी की विभीषिका से हैदराबाद मैं तटबंध टूट गया जिसके उपरांत वर्ष 2004 में हैदराबाद के दर्जनों किसानों की भूमि को तटबंध बनाने के लिए बाढ़ खंड के द्वारा बैनामा कराया गया जिसके उपरांत सगड़ी तहसील पर किसानों की भूमि खारिज दाखिल के लिए बाढ़ खंड विभाग के द्वारा न्यायालय में वाद दाखिल किया गया वही बाढ़ खंड के विभाग के द्वारा पूर्व में कई बार प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है अभी भी उक्त भूमि किसानो के नाम रह गई जिसके उपरांत किसानों द्वारा उक्त भूमि को दूसरों को बेचा जा चुका है वहीं उक्त भूमि पर बाढ़ खंड विभाग द्वारा कार्य किए जाने पर रोका जा रहा है जिसको लेकर बाढ़ खंड के सींच पर्यवेक्षक शिवनाथ यादव ने उक्त भूमि को बाढ़ खंड विभाग के नाम दर्ज कराने के लिए तहसील का चक्कर लगा रहे हैं वहीं उन्होंने उक्त भूमि पर किसानों के कब्जा करने का आरोप लगाया। सींचपाल ने बताया कि जब सरकारी विभाग द्वारा बैनामा की जमीन का अभी तक खारिज दाखिल नहीं हो सका तो अन्य किसानों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा। साथ ही उन्होने कहा कि तहसील प्रशासन की लापरवाही का ही नतीजा है कि 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी भी उक्त भूमि का खारिज दाखिल नहीं हो सका।