अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सोमवार को कैलाशी महिला विकास समिति द्वारा संचालित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र में अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया गया। संचालक योगेंद्र ने लोगों को बताया कि 23 सितंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार विश्व अंतर राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया गया था, यह दिन बधिर लोगों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन बधिर लोगों के लिए बहुत सी योजनाएं लागू हुई थी। यह कार्यक्रम सम्प्रेषण की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण पूर्ण है क्योंकि हम और आप सम्प्रेषण बोलचाल के माध्यम से करते हैं जबकि हमारे समाज में ऐसे लोग भी हैं जिनकी बोल और भाषा शुरू से ही जन्मजात विकार से चली गई है। इसके लिए वह लोग सांकेतिक भाषा का प्रयोग करके समाज के सभी कार्यक्रम में हिसा लेते हैं। वह लोग अपनी उसी भाषा के माध्यम से हर कार्य को आसानी से कर लेते हैं इसलिए हमें मिल करके सभी समाज के अन्य वर्ग को भी जागरूक करना चाहिए ताकि उनकी भाषा व समाज के सभी लोग इसके बारे में जागरूक हो सकें और इनकी भाषा को समझ सकें। इस अवसर पर दिव्यांग बच्चे, सुनीता, योगेंद्र विजयमनी, रेनू, सुमित, गंगा, प्रियंका, नीलेश, संगीता आदि उपस्थित रहीं।
रिपोर्ट-आशीष निषाद