पुलिस महानिदेशक द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से साइबर क्राइम की दी गयी जानकारी

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आजमगढ़ जनपद पुलिस द्वारा आयोजित परिक्षेत्र-स्तरीय हाइब्रिड मॉडल साइबर जागरूकता कार्यशाला का सम्बोधन किया गया एवं ’साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 और वेबसाईट पर शीघ्रातिशीघ्र शिकायत दर्ज करने की महत्ता तथा साइबर स्लैवरी के संबंध में आजमगढ़ रेंज के स्कूलों की बालिकाओं, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं समाज के अन्य वर्ग के सदस्यों तथा पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम द्वारा अपने सम्बोधन में साइबर जागरूकता कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न स्कूलों के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं, विभिन्न व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि, ऑनलाइन माध्यम से जुड़े जनपद आजमगढ़ एवं बलिया के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं, आजमगढ़ रेंज के साइबर सेल तथा थानों के पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों, मीडिया प्रतिनिधियों को सर्वप्रथम साइबर-स्लैवरी के खतरे के बारे में आगाह किया गया और बताया गया कि भारत सरकार द्वारा 467 बंधक बनाए गए भारतीय व्यक्तियों को म्यांमार से मुक्त कराया गया है, जिन्हें विदेशों में नौकरी के नाम पर बुलाकर उनके पासपोर्ट, वीजा एवं पहचान प्रपत्र छीन कर उनसे जबरन भारतीयों के ही विरुद्ध डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटोरसन एवं धोखाधड़ी जैसे अपराध कराए जा रहे थे। अवगत कराया गया कि इनमें से 67 व्यक्ति उत्तर प्रदेश के थे, जिनमें से 4 व्यक्ति जनपद आजमगढ़ के एवं 1 व्यक्ति जनपद बलिया का भी था, जिनसे पूछताछ कर जानकारी करने का प्रयास किया जा रहा है कि, उनको किस तरह से साइबर अपराध की दुनिया में संलिप्त किया गया। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश महोदय द्वारा साइबर अपराध को दस प्राथमिकताओं में चिह्नित कर नियंत्रण हेतु किए गए प्रयासों के संबंध में पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम द्वारा बताया गया।
उनके द्वारा बताया गया कि साइबर अपराधी पीड़ित के साथ माइन्ड-गेम खेलते हैंद्य वो हमें लालच में फँसातें हैं अथवा भय दिखाकर हमारे साथ धोखाधड़ी करते हैं। साइबर फ्रॉड में फंसे पैसे को तत्काल बैंकिंग सिस्टम में ही रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अक्तूबर माह में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह का आयोजन किया गया था। परंतु सिर्फ एक माह का जागरूकता अभियान पर्याप्त नहीं है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के साइबर क्राइम को उत्तर प्रदेश पुलिस की दस प्राथमिकताओं में चिह्नित करने से इन अपराधों की रोकथाम और अनावरण में तेजी आई है।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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