आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। भारत सरकार के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (क्षेत्र संकार्य प्रभाग) उप-क्षेत्रीय कार्यालय, आजमगढ़ में मंगलवार को ‘मानक हिंदी’ विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यक्रम का प्रारंभ अखिलेश श्रीवास्तव वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी एवं मुख्य अतिथि प्रो.गीता सिंह अध्यक्ष हिंदी विभाग डीएवी पीजी कालेज, आजमगढ़ ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित करके किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि मानक हिंदी का सामान्य अर्थ है-आदर्श या परिनिष्ठित। भाषा के संदर्भ में मानक शब्द अंग्रेजी के स्टैंडर्ड शब्द के पर्याय रूप की प्रचलित है। किसी भाषा का बोलचाल (बोली) के स्तर से ऊपर उठकर मानक या सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त कर लेना उसका मानकीकरण कहलाता है। मानकीकरण के तीन सोपान है-बोली, भाषा, और मानक भाषा। मानक हिंदी वर्तनी पर भी विस्तार से चर्चा हुई। प्रो.सिंह ने कहा कि क्षेत्र विस्तार की दृष्टि से मानक हिंदी भारत की सर्वश्रेष्ठ शक्तिशाली भाषा है। इसलिए यह भारत की राजभाषा तथा संपर्क भाषा है। इस मौके पर अरविंद यादव, केपी राय, अफजल अंसारी, प्रदीप कुमार सहित कनिष्ठ एवं सर्वे प्रगणक अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विकास राय ने किया।
रिपोर्ट-दीपू खरवार