बाटला हाउस एनकाउंटर के दोषी इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी शहजाद की मौत

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एम्स में 18 दिनों से वेंटिलेटर पर चल रही थी साँसें

2008 में पांच सिलसिलेवार बम धमाकों ने राष्ट्रीय राजधानी को हिलाकर रख दिया था

आजमगढ़ (सृष्टि मीडिया)। दिल्ली में चर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर के दोषी इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आजमगढ़ के बिलरियागंज के रहने वाले शहजाद की एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। शहजाद को वर्ष 2008 में दिल्ली में हुए बाटला एनकाउंटर का दोषी पाया गया था। बाटला एनकाउंटर में पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की मौत हो गई थी। दोषी शहजाद को 18 दिन पूर्व गंभीर बीमारी की हालत में इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। 18 दिनों से वेंटिलेटर पर चल रहे शहजाद की आज मौत हो गई। शहजाद के मौत के बारे में जेल प्रशासन ने पुष्टि की है।

आजमगढ़ का रहने वाला था

उल्लेखनीय है कि आतंकी शहजाद अहमद इंडियन मुजाहिद्दीन का एक सक्रिय सदस्य था। उसे बाटला हाउस मामले में दोषी ठहराया गया था। वह तिहाड़ जेल में अपनी सजा काट रहा था। 13 सितंबर 2008 को, पांच सिलसिलेवार बम धमाकों ने राष्ट्रीय राजधानी को हिलाकर रख दिया था जिसमें कई लोग मारे गए थे, इसी तरह के धमाके जयपुर, अहमदाबाद और बैंगलोर में हुए थे। इंडियन मुजाहिदीन ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। एक सप्ताह बाद, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में मुजाहिदीन गुर्गों के स्थान के बारे में गुजरात पुलिस से खुफिया जानकारी प्राप्त की, जिसके कारण 19 सितंबर 2008 को बाटला हाउस में एक छापा मारा गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम जामिया नगर में दिल्ली के बाटला हाउस पहुंची और लोकेशन को घेर लिया। जिसके बाद दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई थी।

पुलिस अधिकारी एमसी शर्मा की हत्या का दोषी

दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर मामले में कोर्ट ने 5 जुलाई, 2013 में को शहजाद अहमद को पुलिस अधिकारी एमसी शर्मा की हत्या का दोषी करार दिया है। दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके में सितंबर 2008 को एनकाउंटर हुआ था, जिसमें स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। मामला साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री के समक्ष विचाराधीन था। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने 70 गवाह पेश किए। इनमें से छह चश्मदीद हैं लेकिन ये एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम के सदस्य हैं। आतंकी की तरफ से पेश किए गए दो गवाह इस मामले में गिरफ्तार एकमात्र आरोपी शहजाद ने दो गवाह पेश किए थे, जिसमें से एक अन्य आतंकी मामले में आरोपी है। मुठभेड़ के तार 13 सितंबर 2008 को राजधानी में हुए सीरियल बम धमाकों से जुड़े हैं। आतंकियों ने करोल बाग, कनॉट प्लेस, जीके और इंडिया गेट पर धमाके किए थे, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी और 133 घायल हुए थे।पुलिस ने धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ होने की बात कही थी।

फरवरी 2010 में हुआ था गिरफ्तार

मामले की जांच के दौरान स्पेशल सेल को जामिया नगर के बटला हाउस के फ्लैट नंबर एल-18 में आतंकियों के छुपे होने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की अगुवाई में टीम 19 सितंबर 2008 को बटला हाउस के फ्लैट पर रेड करने गई थी। वहां पुलिस और आतंकियों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें दो आतंकी और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा मारे गए थे। जबकि एक हवलदार घायल हो गया था। आरोपी शहजाद और जुनैद फ्लैट की बालकनी से कूदकर गोली चलाते हुए भाग गए थे। आरोपी की तलाश कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने शहजाद को आजमगढ़ के बिलरियागंज स्थित उसके गांव से फरवरी 2010 में गिरफ्तार किया था। मृतक शहजाद पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर था।

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